कर्नाटक के मंगलुरू से 40 किलोमीटर दूर मूदबिद्री में 9 अक्टूबर को बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रशांत पुजारी की सरे बाजार छह हथियारधारी लोगों ने हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि 29 वर्षीय प्रशांत गो-तस्करी व अवैध बूचड़खानों के खिलाफ अभियान चलाते थे और इलाके में गौरक्षक के तौर पर जाने जाते था। कई बार उन्होंने मवेशियों से लदे ट्रकों को पकड़वाया इसलिए वह पशु तस्करों के निशाने पर थे।
इस हत्याकांड के सिलसिले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह घटना दादरी में गोमांस की अफवाह पर अखलाक नाम के व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या के 12 दिन बाद हुई थी। भाजपा से जुड़े लोग प्रशांत पुजारी की हत्या को लेकर कांग्रेस और मीडिया की चुपी पर भी सवाल उठा रहे हैं।
प्रह्लाद जोशी ने मंगलुरू के पुलिस कमिश्नर एस. मुरूगन को इस केस से हटाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि उन्होंने गैर-जिम्मेदार बयान दिया था कि कुछ गुमराज युवकों ने व्यक्तिगत दुश्मनी की वजह से पुजारी पर हमला किया। जोशी के मुताबिक, मुरूगन का यह बयान साबित करता है कि प्रशांत पुजारी की हत्या के षडयंत्र का पर्दाफाश करने में उनकी दिलचस्पी नहीं है।
आरोपियों ने कबूल किया जुर्म
पुलिस के अनुसार, प्रशांत पुजारी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए हनीफ (36), इब्राहिम (26), इलियास (27) और अब्दुल रशीद (29) ने अपना जुर्म कबूल किया है। हत्या के वक्त हनीफ मौके पर मौजूद था जबकि बाकी तीन षड़यंत्र में शामिल रहे। इस सिलसिले में मंगलवार को चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
- एजेंसी इनपुट