इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) और उसकी गठबंधन सहयोगी भाजपा अगले वर्ष होने वाला लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़ेगी। आईपीएफटी ने कहा कि भाजपा के दो त्रिपुरा लोकसभा सीटों के लिए नेताओं के एकतरफा नाम तय करने के बाद उसे ‘मजबूरन’ यह फैसला लेना पड़ा। दूसरी ओर भाजपा ने दावा किया कि इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में आईपीएफटी के साथ उसका गठबंधन एक बार के लिए था।
पीटीआई के मुताबिक, दोनों पार्टियों के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद हैं, जिसमें पिछले साल एक पत्रकार की हत्या मामले में सीबीआई द्वारा आईपीएफटी के नेताओं को हिरासत में लेना भी शामिल है। आईपीएफटी का कहना है कि भाजपा ने दो समितियों को बनाने में सलाह-मशविरा नहीं किया। आईपीएफटी के महासचिव मंगल देबबर्मा ने यह आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, भाजपा ने राज्य कानून मंत्री रतनलाल नाथ और पार्टी महासचिव राजीव भट्टाचार्य को पूर्वी त्रिपुरा लोकसभा सीट का प्रभारी बनाया है जबकि राज्य स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉय बर्मन और पार्टी महासचिव प्रतिमा भौमिक को पश्चिमी त्रिपुरा लोकसभा सीट का प्रभारी बनाया है।
उन्होंने कहा, ‘हम उनसे बातचीत करना चाहते थे लेकिन उन्होंने हमसे बगैर बात किए अपने नेताओं को दोनों लोकसभा का प्रभारी बना दिया। लिहाजा, हमें लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।‘
आईपीएफटी और भाजपा ने इस साल जनवरी में पहली बार एक साथ मिलकर चुनाव पूर्व गठबंधन किया था और 25 साल के वाममोर्चा शासन को उखाड़ फेंका था।