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सुप्रीम कोर्ट का आदेश ठेंगे पर, भाजपा नेताओं ने मंदिर तोड़ने नहीं दिया

छत्‍तीसगढ़ में भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए मंदिर तोड़ने पहुंचे निगम के दस्‍ते को वापस भेज दिया। नेताओं के इस गैर जिम्‍मेदाराना व्‍यवहार के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा, शिवसेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन मंदिर को तोड़े जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करा पाने के लिए हमर संगवारी संस्था ने निगम प्रशासन को दोषी बताया है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश ठेंगे पर, भाजपा नेताओं ने मंदिर तोड़ने नहीं दिया

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महादेव घाट स्थित हनुमान मंदिर महादेव घाट की चारागाह भूमि पर बना है। यह हाईप्रोफाइल मंदिर कहा जाता है। विधानसभा अध्‍यक्ष और भाजपा नेता गौरीशंकर अग्रवाल के ट्रस्ट ने इसे बनवाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निगम का दस्ता पहुंंचा तो राज्‍यमंत्री का दर्जा प्राप्त छगन मूंदड़ा सहित अन्‍य भाजपा नेताओं ने दस्‍ते को निगम का मंदिर नहीं तोड़ने दिया। मामले को धार्मिक आस्था से जोड़ दिया गया। नेताओं की फाैज को देखते हुए निगम का दस्ता सिर्फ वहांं की दुकानें तोड़ कर वापस लौट आया। 

इधर हमर संगवारी संस्था का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के 10 मई को मंदिर तोड़े जाने के आदेश के बाद राज्य सरकार ने हलफनामा दिया था कि उनकी देख-रेख में मंदिर को तोड़ा जाना है और हनुमान जी की मूर्ति को दूसरी जगह पूरे सम्मान के साथ स्थापित किया जाना है, लेकिन रविवार को जब निगम की टीम मंदिर तोड़ने पहुंची थी तो कुछ लोगों ने मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया और निगम की टीम कुछ दुकानों को ही तोड़कर वापस लौट गई। नगर निगम के इस रवैये पर हमर संगवारी संस्था के सदस्य राकेश चौबे का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला सरकार और निगम के खिलाफ बनता है।

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