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भाजपा विधायक पर इंजीनियर को धमकाने का आरोप, वायरल हुआ पत्र

”ना भय, ना भ्रष्टाचार" के नारे के साथ उत्तराखंड की सत्ता में आई भाजपा के एक विधायक लोक निर्माण विभाग के एक अफसर के लिए मुसीबत बन गए हैं। दहशत में अफसर ने आला अधिकारियों को पत्र भेजकर तबादला करने की गुहार लगाई है।
भाजपा विधायक पर इंजीनियर को धमकाने का आरोप, वायरल हुआ पत्र

- चंदन बंगारी

चंपावत जिले के लोहाघाट में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अनुपम सक्सेना भाजपा विधायक से इतने परेशान हैंं कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से अपने ट्रांसफर की गुहार लगाई है। उनकी परेशानी का कारण भी एक ट्रांसफर ही है।

अनुपम सक्सेना का कहना है कि उनके कार्यालय में तैनात चौकीदार प्रेम सिंह अपना तबादला केदारनाथ (देवीधुरा) निरीक्षण भवन में कराना चाहता था। जिसले लिए लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह  फर्त्याल ने उनके ऊपर दबाव डाला और अभद्रता की। गत 15 मई को अधीक्षण अभियंता को भेजे पत्र में अनुपम सक्सेना ने लिखा है कि चूंकि कार्यालय में चौकीदार का एक ही पद स्वीकृत है, जिस पर प्रेम सिंह की नियुक्ति है। इसलिए प्रेम सिंह का तबादला निरीक्षण भवन करने में उन्होंने असमर्थता जताई थी। अनुपम सक्सेना का आरोप है कि चौकीदार के ट्रांसफर को लेकर विधायक ने उन्हेें टेलीफोन पर धमकाया और उनके पास आकर अत्यंत अभद्र व्यवहार किया। 

दूसरे खंड में तबादले की गुहार 
विधायक के व्यवहार से आहत अधिशासी अभियंता नेे अपने साथ कोई अप्रिय घटना घटने की आशंका जताई है। वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा अनुपम सक्सेना का पत्र राज्य में चर्चा का विषय बन गया है।  

इस बारे में जब विधायक पूरन फर्त्याल से संपर्क किया गया तो उन्होंने अधिशासी अभियंता के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है। उनकी कार्यप्रणाली की जांच के लिए उन्होंने डीएम को कहा है। जिस वजह से उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।

वायरल हो रहा खत
अधिशासी अभियंता अनुपम सक्सेना द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी को लिखा खत सोशल मीडिया में काफी फैल रहा है। विपक्ष इस पत्र के सहारे भाजपा सरकार पर हमलावर है।

 

 

 

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