जब चौधरी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस गई उस समय भी उसने जमकर हंगामा किया और डराया धमकाया कि एक-एक को देख लूंगी।
रूबी के धौंस से एक बात तो साफ है कि इसके पीछे कोई न कोई ऐसा व्यक्ति है जो इसे बचाने की कोशिश करेगा। क्योंकि जिस धौंस के साथ रूबी अकादमी में रह रही थी और कैंपस में हर जगह पर उसका आना-जाना था उससे एक बात तो साफ हो गई है कि मामले के पीछे कोई न कोई है।
क्योंकि रुबी चौधरी ने पूछताछ में जिस अधिकारी का नाम लिया उसके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई करने की बजाय रूबी को ही गिरफ्तार कर लिया। सवाल यह है कि जिन अधिकारियों को रूबी जानती-पहचानती है उनसे क्यों नहीं पूछताछ हो रही है। इस मामले में कई रहस्य बाकी हैं जिसका खुलासा पूरी जांच होने के बाद ही होगा।
रूबी के निजी कमरे से मिले पत्र से लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी के उपनिदेशक सौरभ जैन पर संदेह का घेरा बढ़ा रहे हैं। हालांकि, पत्रों की सत्यता की अभी जांच होनी है, लेकिन रुबी और उसका परिवार इस पूरे प्रकरण में शुरु से सौरभ जैन पर पैसे लेकर नियुक्ति जैसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं।