छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री होंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। अब ऐसे में 10 और मंत्री बनाए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में इस बार कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला है। 90 में से 68 विधायक कांग्रेस के हैं।
कई दिग्गज और पुराने नेता के साथ सक्रिय और लोकप्रिय युवा चेहरे भी चुनाव जीत कर आए हैं। 27 आदिवासी विधायक भी कांग्रेस के पास है। छह ब्राम्हण विधायक भी हैं। कांग्रेस ने राज्य की 10 एससी सीटों में से 7 जीती हैं। सभी जाति और क्षेत्र को मंत्रिमंडल में स्थान देना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है।
कहा जा रहा है, इस कारण कांग्रेस ने लोकसभा क्षेत्र को इकाई मानकर विधायकों को मंत्री बनाने का फार्मूला निकाला है। राज्य में 11 लोकसभा सीटें हैं और जल्द ही लोकसभा चुनाव भी होने हैं, इस कारण बड़े नेताओं ने यह फॉर्मूला निकाला है। इस फार्मूले से मंत्रिमंडल में पुराने और नए विधायकों को स्थान मिल जाएगा।
बिलासपुर लोकसभा से कांग्रेस के शैलेष पांडे और रश्मि सिंह जीते हैं। दोनों नए हैं। दोनों में से एक का मंत्री बनना तय है। महिला कोटे के चलते रश्मि का पलड़ा भारी है। सरगुजा से टीएस सिंहदेव मंत्री बन गए है, फिर भी एक आदिवासी नेता को मौका मिलेगा।क्योंकि सरगुजा संभाग से कांग्रेस को क्लीन स्वीप मिला है।
रायपुर लोकसभा से शिव डहरिया या कुलदीप जुनेजा को मंत्री बनाया जा सकता है। बस्तर से दो आदिवासी विधायक मंत्री बनेंगे। एक बस्तर और एक कांकेर लोकसभा सीट से। इसके लिए लखेश्वर बघेल और मोहन मरकाम टॉप पर है। विवाद के कारण यहां दिग्गजों की जगह साफ सुथरी छवि को प्राथमिकता दी जा रही है। राजनांदगांव लोकसभा से मोहम्मद अकबर का मंत्री बनना तय है। दुर्ग लोकसभा से ताम्रध्वज मंत्री बन गए है, इस कारण अब वहां से कोई मंत्री नहीं बनाया जाएगा। महासमुंद क्षेत्र से अमितेश शुक्ला मंत्री बन सकते है।
जांजगीर से डॉ चरणदास महंत का स्पीकर बनना लगभग तय है। वहां से कोई मंत्री नही बनाया जाएगा। कोरबा क्षेत्र से जयसिंह अग्रवाल रायगढ़ से रामपुकार सिंह का नाम है। इस हफ्ते के अंत या अगले हफ्ते के शुरू में छत्तीसगढ़ का मंत्रिमंडल बन जाएगा।