सीबीआइ ने पिछले 10 साल से 50 से अधिक बच्चों के यौन शोषण के मामले में उत्तर प्रदेश सिंचाईं विभाग के एक जूयिनर इंजीनियर को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पीड़ित बच्चे बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर जिलों के हैं और सभी की उम्र 5 से 16 साल के बीच है। आरोपी बच्चों के साथ यौन शोषण करने के बाद उनकी वीडियो और अन्य तस्वीरें उतार कर बेचने का काम भी करते थे। उन्होंने नापाक कृत्य की सामग्री की बिक्री, प्रसारण और साझाकरण के लिए डार्कवेब का इस्तेमाल किया।
सीबीआइ की टीमों ने जूनियर इंजीनियर तथा उसके साथियों के आवास की तलाशी ली, जहां से करीब आठ लाख रुपया नकद, 12 मोबाइल फोन, लैपटॉप, वेब-कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस जिनमें पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड और कई यौन टॉय मिले हैं। आरोपितों ने कथित तौर पर पांच से 16 वर्ष की उम्र के बच्चों को लुभाने के लिए आवास पर मिले इलेक्ट्रॉनिक सामानों और गैजेट्स का इस्तेमाल किया।
सिंचाई विभाग का यह जूनियर इंजीनियर अपने विभाग के काम से अलग होकर कथित तौर पर ऑनलाइन वीडियो और फोटोग्राफ की बिक्री भी करता था। इतना इनपुट मिलने के बाद सीबीआइ की टीम तहकीकात में लग गई। सीबीआइ ने जांच में मामला पकड़ में आने के बाद इसको अपनी गिरफ्त में लिया है। उसके तथा अन्य के खिलाफ चित्रकूट में मामला दर्ज किया गया। आरोपितों ने बच्चों के शारीरिक शोषण के अलावा कथित तौर पर बच्चों के मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल अपने कृत्यों में किया। इसको भी संज्ञान में लेकर सीबीआइ जांच में लगी है। बाल यौन शोषण सामग्री वाली इन तस्वीरों और वीडियो फिल्मों को आरोपितों ने इंटरनेट की सुविधा का इस्तेमाल करके प्रकाशित-प्रसारित किया।