उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ओएसडी जीके माधव की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को एक और आईएएस अफसर के यहां छापा मारा गया। इसके अलावा कई और अफसरों के घर की भी तलाशी ली गई। आईएएस अफसर अधिकारी उदित प्रकाश राय समेत, कई दूसरे जीएसटी अधिकारी और बिचौलिए धीरज गुप्ता के यहां छापेमारी की गई।
सीबीआई के मुताबिक, ओएसडी जीकेमाधव को एक बिचौलिए की ओर से मिली सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया। बिचौलिए धीरज गुप्ता को बुधवार को पकड़ा गया था जो ओएसडी की तरफ से ट्रांसपोर्टरों से कथित तौर पर रिश्वत लेता था। पूछताछ के दौरान माधव ने आईएएस अफसर के शामिल होने का आरोप लगाया है जिसके बाद एजेंसी ने उनके परिसरों की तलाशी ली। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को अब तक मामले में सिसोदिया की शामिल होने का पता नहीं चला है।
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, “सीबीआई ने दिल्ली के निवासी धीरज गुप्ता के अलावा जीएसटी अधिकारी को 2.26 लाख रुपये के रिश्वतखोरी मामले में गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के ओएसडी भी हैं।”
बिचौलिए के तौर पर कर रहा था काम
पूछताछ के दौरान धीरज गुप्ता ने दावा किया कि वह माधव की तरफ से रिश्वत वसूल रहा था। माधव जीएसटी में दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सिविल सेवा (दानिक्स) के अफसर है। आरोप है कि निजी व्यक्ति धीरज गुप्ता ट्रांसपोर्टरों पर जीएसटी नहीं लगाने के लिए उनसे अवैध राशि वसूलने के लिए माधव समेत जीएसटी विभाग के कुछ अफसरों की तरफ से बिचौलिए के तौर पर काम कर रहा था। जीकेमाधव को फौरन सीबीआई मुख्यालय ले जाया गया। जहां उससे पूछताछ की गई। माधव को 2015 में सिसोदिया के दफ्तर में तैनात किया गया था।
सख्त सजा दिलवाई सीबीआई
सिसोदिया ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “मुझे पता चला है कि सीबीआई ने जीएसटी इंस्पेक्टर को रिश्वत लेने के लिए गिरफ्तार किया है। यह अफसर मेरे दफ्तर में ओएसडी के तौर पर भी तैनात था। सीबीआई को उसे तुरंत सख्त से सख्त सजा दिलवानी चाहिए। ऐसे कई भ्रष्टाचारी अधिकारी मैंने खुद पिछले पांच साल में पकड़वाए हैं।