छापेमारी दिल्ली स्थित वीरभद्र सिंह के सरकारी आवास, रामपुर स्थित उनके पैतृक स्थान पदम पैलेस और दक्षिणी दिल्ली के महरौली स्थित उस फार्म हाउस पर की गई जो उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह के नाम से है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के परवानू और शिमला स्थित आनंद चौहान और उनके भाई चुन्नी लाल चौहान के चार परिसरों पर भी छापे मारे गए। आनंद चौहान को वीरभद्र सिंह का करीबी माना जाता है। दिल्ली में तीन अन्य परिसरों पर भी छापे मारे गए जो एक कथित हवाला डीलर के हैं।
सीबीआई प्रवक्ता देव प्रीत सिंह ने कहा, यह प्राथमिकी एक प्रारंभिक जांच का परिणाम है जिससे खुलासा हुआ कि तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ने संप्रग शासन के दौरान पद पर रहते हुए कथित तौर पर 6.03 करोड़ रूपये अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम से अर्जित किए जो उनके आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक पाया गया। दिल्ली की एक अदालत में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दायर प्राथमिकी में सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान और चुन्नी लाल चौहान के नाम हैं।
उधर, इस कार्रवाई को बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ घृणा के एजेंडा का हिस्सा है। आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि इस कार्रवाई ने राजनीति के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने का दुखद उदाहरण पेश किया है क्योंकि सीबीआई ने यह कार्रवाई एेसे समय की जब उनकी बेटी की शादी हो रही थी। आजाद ने कहा, एक तरफ दूल्हा और दुल्हन पक्ष के परिवार के सदस्य और अतिथि शादी के लिए मंदिर की तरफ जा रहे थे। निजी बदले की भावना से अंधी मोदी सरकार सिंह के आवास पर छापेमारी कर रही थी।