अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले न्यायालय परिसर को त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। फिलहाल कुछ देर में पीठ अपना फैसला सुना सकती है।
उच्च न्यायालय के कैसरबाग स्थित पुराने परिसर में विशेष सीबीआई अदालत के आसपास ज्यादातर चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई और कैसरबाग बस अड्डे की तरफ जाने वाली बसों का रास्ता भी बदला गया। अदालत परिसर की ओर जाने वाली सड़कों पर भी यातायात को बेहद नियंत्रित रखा गया। मामले के अभियुक्तों ने अदालत परिसर में पहुंचना शुरू किया तो मुस्तैद पुलिस कर्मियों ने उनकी समुचित जांच करने के बाद ही उन्हें दाखिल होने दिया।
अभियुक्तों के समर्थकों को बैरिकेडिंग के दूसरी ओर ही रोक लिया गया। मीडिया को भी उच्च न्यायालय परिसर में जाने की इजाजत नहीं दी गई। आसपास की सभी दुकानें बंद रहीं। लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे ने भी मौके पर पहुंच कर सुरक्षा बंदोबस्त का जायजा लिया। पुलिसकर्मी जन संबोधन प्रणाली के जरिए मीडिया कर्मियों को बैरिकेड के पीछे रहने की हिदायत देते रहे।
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में विशेष सीबीआई अदालत बुधवार को फैसला सुनाने जा रही है। मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत 32 अभियुक्त हैं।