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वीरभद्र पर 10.30 करोड़ की अवैध संपत्ति मामले में आरोपपत्र दाखिल

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 10 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति एकत्रित करने के लिए निवेशों के जटिल जाल, असुरक्षित ऋण, संपत्ति और शेयर खरीद के साथ ही कृषि आय के झूठे दावों का इस्तेमाल किया। सीबीआई ने आज नई दिल्ली की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया कि सिंह ने 10.30 करोड़ रुपये की संपत्ति एकत्रित की जो कि उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 192 प्रतिशत अधिक है।
वीरभद्र पर 10.30 करोड़ की अवैध संपत्ति मामले में आरोपपत्र दाखिल

       एजेंसी ने सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, एलआईसी एजेंसी आनंद चौहान, यूनीवर्सल एप्पल एसोसिएट मालिक चुन्नी लाल चौहान, स्टाम्प पेपर विक्रेता जोगिंदर सिंह घालता, तरानी इंफ्रास्टक्चर के एमडी वी चंद्रशेखर को आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टचार के लिए आरोपित किया है।

   सीबीआई प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा, यह आरोप है कि मई 2009 से जून 2012 की अवधि के दौरान तत्कालीन केंद्रीय इस्पात, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ने आपराधिक कदाचार को अंजाम दिया और पाया गया कि उनके पास अपने नाम के साथ ही अपने परिवार के सदस्यों के नाम से 10.30 करोड़ रुपये की, आय से अधिक संपत्ति है।

   उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर सिंह को अपराध को अंजाम देने में मदद की जिसमें सहमतिपत्र, बिक्री पत्र और अन्य दस्तावेज जाली दस्तावेजों के रूप में थे, जिसमें एक आरोपी की ओर से आयकर अधिकारियों के समक्ष 2014 के दौरान पेश किया गया दस्तावेज शामिल है।

भाषा

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