भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर निशाना साधा है, जिन्होंने केंद्र द्वारा तमिलनाडु के लिए किए गए आवंटन पर सवाल उठाए थे।
अन्नामलाई ने कहा कि 2014-15 और 2025 के बीच राज्य को 6,21,938 करोड़ रुपये मिले, जो राज्य के आवंटन में 307 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में चिदंबरम को यह स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया कि ‘‘भारत का सकल घरेलू उत्पाद आज बढ़ रहा है, जो हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में रिकॉर्ड समय में 4 हजार अरब डॉलर के करीब पहुंच रहा है। भारत को 2007 तक इंतजार करना पड़ा, क्योंकि कांग्रेस को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने में 60 साल लग गए।’’
भाजपा नेता ने कहा कि चिदंबरम को लगता है कि रेलवे बजट में कई गुना वृद्धि होना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘2009 से 2014 के बीच तमिलनाडु के रेलवे के लिए औसत बजट आवंटन 900 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आवंटन 6,626 करोड़ रुपये है। इस राशि का मतलब है कि रेलवे के लिए आवंटन जिस चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से किया गया है वह 20 प्रतिशत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2013-14 में भारतीय रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय 45,980 करोड़ रुपये था, जो आज बढ़कर 2.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है। क्या जीडीपी में वार्षिक वृद्धि, पूंजीगत व्यय में इस वृद्धि से जुड़ी है चिदंबरम साहब? ’’
अन्नामलाई ने कहा कि 2004 से 2013-14 के बीच तमिलनाडु को केंद्र सरकार से 1,52,902 करोड़ रुपये का अनुदान मिला, वहीं 2014-15 और 2025 के बीच, तमिलनाडु को 6,21,938 करोड़ रुपये मिले, जिससे पता चलता है कि राज्य के आवंटन में 307 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भाजपा नेता ने कहा कि चिदंबरम अभी भी भारत में डिजिटल भुगतान की सफलता को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जिसके बारे में उनका दृढ़ विश्वास है कि यह ग्रामीण भारत में कभी भी सफल नहीं हो पाएगा।
गत छह अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तमिलनाडु और उसके विकास के लिए विस्तृत आवंटन के बाद, चिदंबरम ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री लगातार कहते हैं कि उन्होंने 2014-24 में तमिलनाडु को 2004-14 की तुलना में अधिक धन दिया है। उदाहरण के लिए, माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने तमिलनाडु में रेलवे परियोजनाओं के लिए पहले की तुलना में सात गुना अधिक धन दिया है।’’
चिदंबरम ने कहा कि अर्थशास्त्र के प्रथम वर्ष के किसी छात्र से पूछ लें, वह आपको बताएगा कि ‘आर्थिक मीट्रिक’ हमेशा पिछले वर्षों की तुलना में अधिक होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘जीडीपी का आकार पहले की तुलना में अब बड़ा है। केंद्रीय बजट का आकार हर साल पिछले साल की तुलना में बड़ा होता है। सरकार का कुल व्यय हर साल पिछले साल की तुलना में बड़ा होता है। आप पिछले साल की तुलना में एक साल आगे बढ़े हैं।’’