केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में रोजगार और अन्य लाभ के संबंध में आवेदन करने के लिए स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (पीआरसी) धारकों को भी वहां के मूल निवासी प्रमाणपत्र की जरूरत होगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कुछ हलकों में ऐसी धारणा बनाई जा रही है कि जम्मू कश्मीर में पीआरसी धारकों को मूल निवासी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन यह सच नहीं है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि केंद्रशासित प्रदेश में नौकरी और अन्य लाभ के संबंध में सभी पीआरसी धारकों को जम्मू कश्मीर का मूल निवासी प्रमाणपत्र पाने के लिए आवेदन करना होगा।
जम्मू कश्मीर के निवासी सिंह ने सभी संबंधित लोगों से ऐसी अफवाहों से भ्रमित नहीं होने को कहा। हालांकि, मंत्री ने कहा कि जिनके पास पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का पीआरसी होगा वे उसके आधार पर नए मूल निवासी प्रमाणपत्र पाने के लिए योग्य होंगे और ऐसे पीआरसी धारकों को कोई और अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देने होंगे।
सिंह ने कहा कि जहां तक विस्थापित कश्मीरी पंडितों की बात है वे या तो पीआरसी देकर या प्रवासी के तौर पर पंजीकरण का प्रमाणपत्र देकर मूल निवासी प्रमाणपत्र हासिल कर सकते हैं ।