मंगलवार को फीस वृद्धि के विरोध में विश्वविद्यालय बंद कराने की लिए प्रदर्शनकारी छात्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरुण कुमार ग्रोवर से मिलने का प्रयास कर रहे थे। कुलपति के मिलने से इंकार करने के बाद उग्र छात्रों ने कुलपति कार्यालय में घुसने की कोशिश की। छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। नाराज छात्रों ने मानव संसाधन मंत्रालय, यूजीसी और पंजाब यूनिवर्सिटी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
छात्रों और पुलिस के बीच हुई झड़प में कम से कम 50 छात्राेें और 22 पुलिसकर्मियों सहित अन्य 40 लोग घायल हुए हैं।घटना की शिकायत के बाद पुलिस ने 66 छात्रों पर राजद्रोह दंगा फैलाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया। 52 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इनकी पहचान विश्वविद्यालय प्रशासन ने की थी।
पंजाब यूनिवर्सिटी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी अश्वनी कौल का कहना है, “मैंने शिकायत दर्ज कराते समय कहा था कि छात्रों द्वारा राज्य के खिलाफ नारे लगाए गए हैं, जिसमें मेरा अभिप्राय मानव संसाधन मंत्रालय, यूजीसी और पंजाब यूनिवर्सिटी से था।’’
चंडीगढ़ के एसएसपी ऐश सिंघल का कहना है कि पुलिस ने छात्रों पर राजद्रोह का आरोप लगाया था, लेकिन अगर उन लोगों के खिलाफ जांच के दौरान कोई ठोस सबूत नहीं मिलेंगे तो आरोप हटा दिए जाएंगे।
केंद्र ने मांगी रिपोर्ट
पंजाब यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि का विरोध कर रहे छात्राेें को पीटे जाने का मुद्दा आज राज्यसभा में भी उठा। जिस पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने पंजाब यूनिवर्सिटी की फीस में वृद्धि नहीं की है। इस विश्वविद्यालय की एक अलग पहचान है और वह केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं है। फीस वृद्धि के विरोध में हो रहे आंदोलन और विश्वविद्यालय को मिलने वाले वित्तीय अनुदान के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
शून्यकाल में कांग्रेस की छाया वर्मा ने पंजाब विश्वविद्यालय तथा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित गुरू घासीदास विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि किए जाने का मुद्दा उठाया था।
राजद्रोह को लेकर छात्रों में गुस्सा
एक तरफ जहां फीस वृद्धि को लेकर छात्रों में पहले से आक्रोश था, वहीं इस घटना के बाद छात्र और ज्यादा भड़क उठे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विक्की महेसरी बताते हैं, ‘’हम फीस वृद्धि के विरोध में शंतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बर्बरतापूर्वक छात्रों पर पानी की बौछारें, लाठी चार्ज कर दी फिर भी हम केवल नारे लगाते रहे। पंजाब यूनिवर्सिटी में पंजाब, राजस्थान, हरियाणा सहित देश भर से ऐसे छात्र आते हैं, जिनके पास निजी संस्थानों में पढ़ने के लिए पैसे नहीं होते। ऐसे में फीस बढ़ाने के विरूद्ध प्रदर्शन करना कहां गलत हैं?’’
आठ गुना तक बढ़ी फीस
पंजाब यूनिवर्सिटी ने कई कोर्स की फीस आठ से दस गुना तक बढ़ा दी है। एमए पत्रकारिता पाठ्यक्रम की फीस 5,290 रुपए थी, जिसे बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है। वैसे ही बीफार्मा की फीस 5,080 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी गई है। तमाम छात्र संगठन इस फीस वढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं। एआईएसएफ के राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार कहते हैं, ‘’जबसे भाजपा सरकार केंद्र की सत्ता में आई है, तब से शिक्षा और शिक्षण संस्थानों पर हमले बढ़ रहे हैं। जेएनयू में सीट कटौती से लेकर पंजाब यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि तक इनकी गलत नीतियों का परिणाम छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।‘’