विवादों में रहे छत्तीसगढ़ के सीनियर आईएएस प्रमुख सचिव डॉ. बीएल अग्रवाल के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। अग्रवाल को सीबीआई ने गिरफ़तार कर लिया है।
इससे पहले शनिवार रात सीबीआई ने अग्रवाल के आवास पर छापा कार्रवाई की। बताया जाता है, यह कार्रवाई सीबीआई में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के दर्ज मामले को निपटाने के लिए 25 लाख रुपये रिश्वत की पेशकश के बाद की गई है। सीबीआई ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, छापे उनके कुछ ठिकानों पर डाले गए हैं।
कुछ सूत्रों का दावा है कि अग्रवाल ने दस करोड़ रुपए की रिश्वत ली सूत्रों के अनुसार सीबीआई की टीम ने रायपुर में आईएएस अग्रवाल के देवेंद्र नगर स्थित आवास, रामसागरपारा और भिलाई-3 के ठिकानों पर दबिश दी। इसमें दिल्ली और भिलाई सीबीआई के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। अग्रवाल से जुड़े हैदराबाद और दिल्ली के ठिकानों पर भी छानबीन की जा रही है। सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार वर्तमान में उच्च शिक्षा और संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव अग्रवाल ने रिश्वत की यह पेशकश भ्रष्टाचार के पुराने मामलों को निपटाने के लिए की थी।
इनके खिलाफ सीबीआई में दो मामले दर्ज हैं। इस पेशकश के बाद जांच एजेंसी ने उनके बारे में नए सिरे से पड़ताल की। इसमें यह तथ्य सामने आया कि नोटबंदी के दौरान अग्रवाल ने हवाला के जरिए बड़ी तादाद में पुराने नोट खपाए थे। साथ ही नोटबंदी के दिनों में ज्वैलरी की खरीदी की थी।
इसके आधार पर सीबीआई ने बीएल अग्रवाल के साथ रायपुर सराफा एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष सुनील सोनी और झांसी के सर्राफा कारोबारी मोनू पाण्डेय के यहां भी छापा मारा है।