छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों ने सोमवार को 14 नक्सलियों को मार गिराया। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ नुलकातुंग गांव के करीब गोलापल्ली और कोंटा के बीच हुई है। बताया जा रहा है कि पुलिस-माओवादियों के बीच मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन चल रहा है।
डीआईजी नक्सल ऑपरेशन पी सुंदरराज ने बताया की देर रात मिली सूचना के आधार पर पुलिस की टीम सर्चिंग पर निकली थी। इस दौरान ही माओवादियों से टीम की मुठभेड़ हुई। पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली थी कि गोलापल्ली-कोंटा के बीच 200 की तादाद में माओवादी डेरा डाले हुए हैं। घटनास्थल पर पुलिस पार्टी को 16 विदेश हथियार भी बरामद हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, 28 जुलाई से शहीद सप्ताह शुरू हुआ था। तब से सुकमा के गोलापल्ली और कोंटा इलाके में नक्सलियों की गतिविधियां तेज होती जा रही थी। सोमवार सुबह लगभग 7 बजे एनकाउंटर शुरू हुआ। करीब 40 मिनट ऑपरेशन चला था। कई माओवादी भाग गए थे। बाद में जब सुरक्षाबलों ने सर्च किया, तब माओवादियों के 14 शव बरामद किए गए।
सुरक्षाबलों ने ईनामी नक्सली को जिंदा पकड़ने में भी कामयाबी हासिल की। जवानों ने इस आपरेशंस को इतने शानदार तरीके से अंजाम दिया कि जवानों ने 14 नक्सलियों को ढेर किया लेकिन उन्हें खरोंच तक नहीं आई। नक्सल डीजी डीएम अवस्थी ने इस आपरेशंस को बेहद कामयाब बताते हुए सुकमा एसपी सहित जवानों को अपनी शुभकामनाएं दी है। नक्सल डीजी डीएम अवस्थी के मुताबिक, भेज्जी के करीब दो सौ से ज्यादा जवानों की टीम को भेजा गया था।
दो अलग-अलग टीमें भेजी गई थी, जिसमें एक आपरेशंस अभी भी जारी है जबकि दूसरी टीम के साथ सुबह छह से सात के बीच नलकातोंग में मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में 14 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया। इस दौरान एक महिला नक्सली के पैर में गोली लगी है, जिसे फोर्स अपने साथ लेकर लौट रही है, वहीं देवा नाम का एक नक्सली भी गिरफ्तार किया गया है।
डीजी डीएम अवस्थी के मुताबिक, देवा बटालियन नंबर-1 में रहा है और हिड़मा के साथ भी उसने काम किया है। वो भी मुठभेड़ के दौरान कैंप में ही मौजूद थे। वहीं, मारे गए नक्सली में बंजाम हूंजा नाम के एक नक्सली की पहचान हुई है।
पहली बार उस इलाके में पहुंची फोर्स
जिस इलाके में मुठभेड़ हुई, वो नक्सलियों का बेहद ही सुरक्षित ठिकाना समझा जाता था। आज तक फोर्स उस क्षेत्र में नहीं पहुंची थी, लिहाजा नक्सलियों ने बेहद इत्मीनान से कैंप लगाया था, क्योंकि नक्सलियों को थोड़ा भी अहसास नहीं था कि फोर्स यहां तक पहुंच सकती है।
25 नक्सलियों की मौजूदगी की थी सूचना
डीएम अवस्थी के मुताबिक गांव से करीब 4 से 5 किलोमीटर दूर नक्सलियों ने कैंप लगा रखा था, ये कैंप गोंपाड बालातोंग और मिनचा मिलिशिया का संयुक्त कैंप था। सूचना वहां 20 से 25 नक्सलियों की मिली थी, इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने अपने आपरेशंस को लांच किया था। हालांकि कुछ नक्सली भागने में कामयाब रहे, लेकिन 14 नक्सलियों को मार गिराने में जबकि दो नक्सलियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को कामयाबी मिल गई।
2022 तक हो सकता है नक्सलवाद का सफाया
राज्य और केंद्र सरकार ने टारगेट रखा है कि 2022 तक नक्सलवाद का राज्य से सफाया कर दिया जाएगा। आज डीजी डीएम अवस्थी ने कहा कि जिस तरह का आपरेशंस जिलों में चल रहा है, उसे देखकर ये लग रहा है कि 2022 तक फोर्सेस अच्छी स्थिति में आ जाएगी और हो सकता है नक्सलवाद का खात्मा भी हो जाए।