प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ और कुछ अन्य राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ में राजधानी रायपुर, कोरबा, दुर्ग और रांची (झारखंड) तथा बेंगलुरु (कर्नाटक) में छापेमारी की जा रही है। आईएएस अधिकारी एवं छत्तीसगढ सरकार में सचिव अंबालागन पी. से जुड़े परिसरों में भी छापेमारी की जा रही है।
संघीय एजेंसी ने छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में काम कर रहे 2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी समीर विश्नोई के खिलाफ छापेमारी के बाद अक्टूबर में कथित घोटाले में धन शोधन की जांच शुरू की। विश्नोई पूर्व में भूतत्व एवं खनन विभाग के निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं और मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के प्रबंध निदेशक थे।
एजेंसी के अनुसार, ईडी की जांच ‘‘एक बड़े घोटाले से जुड़ी है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, कारोबारियों, नेताओं और बिचौलियों के एक गिरोह द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रत्येक टन कोयले पर 25 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी।’’
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, उनके एक रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कारोबारी सुनील अग्रवाल को अभी तक मामले में गिरफ्तार किया है।