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उत्तर प्रदेश के सीएम और मंत्रियों का वेतन बढ़ा

उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वेतन में वृद्धि का निर्णय किया है। निर्णय के अनुसार अब मंत्रियों का वेतन 12 हजार से बढ़कर 40 हजार रुपये हो जायेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री को विधायक के वेतन के एक लाख एक हजार आठ रुपये अलग से मिलेंगे। वेतन में यह परिवर्तन 1981 के बाद किया गया है। देश में सर्वाधिक वेतन पंजाब के मुख्यमंत्री को मिलता है, उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री। तीसरा स्थान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री का है।
उत्तर प्रदेश के सीएम और मंत्रियों का वेतन बढ़ा

मुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों का वेतन भी अब से 40 हजार हो गया है। इसके अलावा स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों और राज्यमंत्रियों ने को वेतन के रूप में 35 हजार मिलेंगे। गौरतलब है कि, आज की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी थी। देश के अन्य राज्यों से तुलनात्मक स्तर पर यह अभी भी काफी कम है।

देश में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सबसे ज्यादा वेतन के साथ पहले नंबर पर हैं, उनका वेतन करीब ढाई लाख रूपये महीना है। वहीँ देश में सबसे कम वेतन पाने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं, जिन्हें हर महीने करीब 8 हजार रुपये का वेतन मिलता है। यूपी में अब मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों का मूल वेतन 40 हजार रुपये प्रतिमाह होगा। पहले यह 12 हजार रुपये प्रतिमाह था। इस फैसले को सीएम अखिलेश यादव की अध्‍यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

प्रदेश में मुख्यमंत्री का वेतन वर्ष 1981 के बाद बढ़ाया गया है। उप मंत्रियों और राज्यमंत्रियों का मूल वेतन भी 1200 हजार से बढ़ाकर 35 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है। वहीं मंत्रियों को बतौर विधायक मिलने वाले करीब 1.25 लाख रुपए के भत्ते प्रतिमाह पहले की तरह मिलते रहेंगे। इनमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। प्रदेश सरकार ने इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास बंगले बरकरार रखने के लिए एक नई नियमावली बनाने का फैसला किया है। इस नियमावली को 22 अगस्त से आने वाले विधानसभा के सत्र में मंजूर कराया जाएगा। बुधवार को नियमावली बनाने के फैसले को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले खाली करने के आदेश के मद्देनज़र लाया जा रहा है।
कैबिनेट की बैठक में यह भी तय किया गया कि इसके साथ ही राज्य सरकार अब परिषदीय स्कूलों, मदरसों व माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित होने वाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुफ्त बैग देगी। अभी तक बच्चों को मुफ्त में किताबें तो दी जा रही हैं, लेकिन बैग अभी तक नहीं दिया जा रहा है।

वहीं इलाहाबाद में मेट्रो रेल परियोजना शुरू करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने और फिजिबिलिटी स्टडी करने का काम केंद्रीय संस्था राइट्स को देने संबंधी प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है। इलाहाबाद में मेट्रो रेल परियोजना केंद्र सरकार की नीति के आधार पर शुरू की जाएगी। इसमें 50 फीसदी केंद्र सरकार देगी और इतनी ही राशि राज्य सरकार देगी।

कैबिनेट की बैठक में राजकीय डिग्री कॉलेज रामपुर के खेल मैदान के लिए मुफ्त जमीन देने और रामपुर की बिजली व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए 132 केवी उपकेंद्र लालपुर के निर्माण के लिए मुफ्त जमीन देने संबंधी प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है।

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