महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर मराठा समाज की लड़ाई अपने नतीजे पर पहुंचने वाली है। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट ने मराठा आरक्षण को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने रविवार रात को ऐलान किया है कि मराठा समाज को सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर आरक्षण का लाभ मिलेगा।
इससे पहले गुरुवार को राज्य के अहमदनगर में एक रैली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'हमें पिछड़ा आयोग से मराठा आरक्षण पर रिपोर्ट मिली है। मैं आप सभी को 1 दिसंबर को जश्न मनाने के लिए तैयार रहने का अनुरोध करता हूं।'
उन्होंने कहा कि आयोग की सिफारिश के मुताबिक समुदाय को नई श्रेणी ‘सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ा वर्ग’ के तहत आरक्षण दिया जाएगा।
राजनीतिक रूप से प्रभावी मराठा समुदाय प्रदेश की कुल आबादी का करीब 30 फीसदी है।
महाराष्ट्र विधानसभा के शीत सत्र की पूर्व संध्या पर मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य मंत्रिमंडल ने मराठा आरक्षण के लिये पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।’’
आरक्षण कितना अभी तय नहीं
उन्होंने कहा, ‘‘आरक्षण कितना होगा यह तय करने के लिये मंत्रिमंडल की उप-समिति बनाई गई है जिसे आगामी सत्र में पेश किये जाने वाले विधेयक (आरक्षण मंजूर करने संबंधी) के तकनीकी पहलुओं को देखने की जिम्मेदारी दी गई है।’’
फडणवीस ने दिए थे संकेत
बता दें कि इस साल जुलाई में राज्य में मराठा आरक्षण को लेकर विभिन्न जगहों पर आंदोलन हुए, जोकि कई जगह पर हिंसक भी हो गए थे। इसके बाद अगस्त में फडणवीस सरकार ने आरक्षण को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं के साथ मीटिंग हुई और मराठा समुदाय को कानूनी तरीके से आरक्षण देने के लिए एक संयुक्त बयान पर दस्तखत किए गए। राज्य सरकार मराठा आरक्षण के समर्थन में पूरी तरह से खड़ी है। हम इसे जल्द से जल्द करने के लिए जरूरी प्रक्रिया के हिसाब से चल रहे हैं।