जम्मू-कश्मीर के डांगरी गांव में आतंकवादी हमले के पीड़ितों में से एक के घर के पास सोमवार को एक आईईडी विस्फोट में चार साल के एक बच्चे की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि घायलों में से तीन बच्चे हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, रविवार की शाम को राजौरी जिले के इलाके में आतंकवादियों ने तीन घरों में गोलीबारी की, जिसमें चार नागरिकों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए।
बमुश्किल 14 घंटे के अंतराल पर हुई इन घटनाओं को लेकर पूर्ण बंद के बीच राजौरी शहर सहित जिले भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), जम्मू, मुकेश सिंह ने राजौरी में संवाददाताओं को बताया, “परिष्कृत विस्फोटक उपकरण (आईईडी) एक बैग के नीचे रखा गया था। उसमें विस्फोट हुआ। एक बच्चे की मौत हो गई जबकि सात अन्य घायल हो गए।”
उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और समूचे इलाके की घेराबंदी की गई है।
जम्मू मंडल के आयुक्त रमेश कुमार के साथ घटनास्थल पर पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सेना और पुलिस व्यापक तलाशी अभियान चला रहे हैं।
सिंह ने कहा कि स्थानीय लोगों के मुताबिक, हमले में दो आतंकवादी शामिल थे।
इससे पहले दिन में अधिकारी ने कहा था, “विस्फोट उस घर के पास हुआ है जहां गोलीबारी की पहली घटना हुई थी।” उन्होंने कहा कि एक अन्य आईईडी भी देखा गया है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि सुबह नौ से साढ़े नौ बजे के बीच जब विस्फोट हुआ तो उस वक्त रविवार को हुए हमले के पीड़ित के रिश्तेदार समेत कई लोग घर में मौजूद थे।
अधिकारियों ने कहा कि हमले में मारे गए चार वर्षीय बच्चे की पहचान विहान कुमार के तौर पर की गई है।
उन्होंने कहा कि घायलों की पहचान सान्वी शर्मा (4), कनाया शर्मा (14), वंशु शर्मा (15), समीक्षा देवी (20), शारदा देवी (38), कमलेश देवी (55) और समीक्षा शर्मा के तौर पर हुई है।
रविवार के हमले पर सिंह ने कहा कि दो आतंकवादियों ने तीन घरों पर गोलीबारी की जिसमें चार लोग मारे गए और छह घायल हो गए। उन्होंने कहा कि घायलों की हालत स्थिर है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के डांगरी गांव में हुए आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इस घटना में मारे गए नागरिकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की।
सिन्हा ने एक ट्वीट में कहा, “मैं राजौरी में किए गए कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस घृणित कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों का साथ हैं।”
सरपंच दीपक कुमार ने कहा कि यह पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से सुरक्षा में गंभीर चूक है।
उन्होंने राजौरी में संवाददाताओं से कहा, “यह सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गंभीर सुरक्षा चूक है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए।”