प्रदेश भाजपा का कहना है कि यह ममता बनर्जी की बदले की राजनीतिक का मामला है। वह रोजवैली और सारधा चिटफंड घोटाले में अपनी पार्टी के सांसदों व मंत्रियों की गिरफ्तारी का बदला ले रही हैं। उल्लेखनीय है कि शिशु तस्करी कांड के सिलसिले में सीआइडी ने बीते मंगलवार को प्रदेश भाजपा की महिला मोर्चा की महासचिव जूही चौधरी को जलपाईगुड़ी जिले से गिरफ्तार किया है। इससे पहले मुख्य आरोपी चंदना चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, चंदना से मिली जानकारी के आधार पर ही जूही की गिरफ्तारी हुई। अभी तीन दिन पहले चंदना ने पूछताछ में रूपा गांगुली व कैलाश विजयवर्गीय का भी नाम लिया, जिसके बाद से बंगाल की राजनीति में हड़कंप का माहौल है। इस कांड में भाजपा नेताओं के नाम उछलने से पार्टी के नेता इस समय सत्ताधारी दल के निशाने पर हैं।
सीआइडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, हमारे एक गवाह ने भाजपा के 2 टॉप लीडर्स के नाम लिए हैं। सभी ऐंगल से जांच की जा रही है। प्रभावशाली लोगों की भूमिका के सबूत जुटाए जा रहे हैं। हम सही समय आने पर जरूरी कदम उठाएंगे। बता दें कि सीआइडी चंदना के सेंटर से 17 बच्चों को बेचने के मामले की जांच कर रही है। इनमें से 4 बच्चे स्पेन, सिंगापुर, फ्रांस व अमेरिका के नागरिकों के हाथों बेचे गए हैं।
संकट से गुजर रही बंगाल भाजपा
शिशु तस्करी कांड में गिरफ्तार दार्जिलिंग के जिला शिशु सुरक्षा अधिकारी मृणाल घोष और शिशु कल्याण समिति के सदस्य डा. देवाशीष चंद्र ने सीआइडी की पूछताछ में कई राजफाश किए हैं। दोनों लोग मिलकर चंदना के हाथों शिशुओं को बेचते थे और प्रति शिशु 25 हजार रुपये वसूल करते थे। चंदना चक्रवर्ती की सिफारिश पर ही मृणाल घोष को दार्जिलिंग का डीसीपीओ और उनकी पत्नी सास्मिता घोष को जलपाईगुड़ी का डीसीपीओ नियुक्त किया गया था। शनिवार को सीआइडी ने पांच आरोपियों को जलपाईगुड़ी अदालत में पेश किया, जहां से चंदना चक्रवर्ती, मानस चक्रवर्ती और सोनाली मंडल को 13 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया, जबकि मृणाल घोष और डा. देवाशीष चंद्र को 6 दिनों के लिए सीआइडी हिरासत में भेज दिया गया।