केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद का असर पंजाब व हरियाणा में भी पूरी तरह से प्रभावी है। किसान सुबह से ही मुख्य सड़कों और रेल की पटरियों पर बैठे हैं जिसके चलते पंजाब व हरियाणा में रेल व सड़क यातायात मार्ग पूरी तरह से ठप हैं।सेना के वाहनों और एंबुलेंस की आवाजाही बाधित नहीं की गई है पर बसें व ट्रेनें बंद होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब के कई इलाकों में दूध और सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो पाई। इस बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से किसानों की मांगों को लेकर केंद्र सरकार से साथ मध्यस्थता करने के प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया है। किसान संगठनों का कहना है कि किसान अपनी मांगें मनवाने के लिए सक्षम हैं। किसानों की लड़ाई सत्ताधारी पक्ष के साथ है। भले ही वह भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की या फिर आम आदमी पार्टी की।
इधर सुबह से ही प्रदर्शनकारी किसान सड़कों और रेल लाइनों पर जमे हुए हैं। किसानों ने शाम छह बजे तक सड़क और रेल यातायात को बाधित करने का ऐलान किया है। अधिकतर शहरों में बाजार बंद हैं। अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्यों ने अमृतसर-दिल्ली रेल ट्रैक जाम कर दिया। लुधियाना से भी रेलों की आवाजाही ठप है। इधर हरियाणा में रेलवे के अंबाला डिविजन के रास्ते दिल्ली और अन्य राज्यों को प्रतिदिन जाने वाली तीन दर्जन से अधिक रेल बंद की गई हैं व कुछ के रूट बदले गए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डा.दर्शन पाल सिंह का कहना है कि शुक्रवार की शाम छह बजे तक सड़क व रेल परिवहन बंद रहेगा। बाजारों को जबरन बंद नहीं करवाया गया क्योंकि कई व्यापारी संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने खुद ही बंद को समर्थन दिया है। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा से संबंधित भाकियू डकौंदा के मुताबिक सड़क मार्ग जाम करने के साथ ही रेलवे ट्रैक पर भी धरने दिए गए हैं,ट्रेनें रोकी गई हैं। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष सभी सेवाएं बंद हैं। यूनियन के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा है कि भारत बंद में किसान, मजदूर, युवा, विद्यार्थी, कर्मचारी, ट्रांसपोर्टर, व्यापारी, आढ़ती और दुकानदार भी शामिल हैं।