झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन को लेकर लगाई जा रही तमाम अटकलों के बीच खुद राज्य के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन "मजबूत" है और राज्य में गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। पार्टी के चार विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर कांग्रेस विधायकों के एक वर्ग के बीच नाराजगी के कयासों के बीच यह बयान आया है।
राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद सोरेन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात से पहले यह टिप्पणी की। खड़गे से मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष से यह शिष्टाचार मुलाकात थी।
हालिया कैबिनेट गठन को लेकर कांग्रेस विधायकों के एक वर्ग के असंतुष्ट होने पर सोरेन ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। इससे पहले सुबह सोरेन ने कहा, ''कोई मुद्दा नहीं है, हमारा गठबंधन मजबूत है।''
असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के दिल्ली पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, "यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, वे इसे सुलझा लेंगे। मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। झामुमो और कांग्रेस के बीच कोई विवाद नहीं है, सब बिल्कुल ठीक है।"
कांग्रेस के कम से कम 12 विधायकों ने 23 फरवरी से आगामी राज्य विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने और मंत्रियों को नए चेहरों के साथ नहीं बदलने पर जयपुर जाने की धमकी दी है। राज्य में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक (जेएमएम-29, कांग्रेस-17 और एक राजद) हैं।
आलमगीर आलम, रामेश्वर उराँव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को फिर से मंत्री पद देने के कांग्रेस के फैसले से नाखुश कांग्रेस विधायकों का असंतुष्ट वर्ग शनिवार को रांची के एक होटल में एकजुट हो गया, जहाँ झामुमो के नए मंत्री बसंत सोरेन, पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के सबसे छोटे, ने अपना फैसला बदलने के लिए मनाने पहुंचे। विधायकों से मुलाकात के बाद बसंत सोरेन ने कहा, 'कोई भ्रम नहीं है...हम सभी एकजुट हैं।'