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चार सौ दागियों पर सख्त सीएम योगी, दो माह में कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश

विधानसभा चुनाव में भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए वादों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने...
चार सौ दागियों पर सख्त सीएम योगी, दो माह में कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश

विधानसभा चुनाव में भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए वादों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने सतर्कता अधिष्ठान समेत अन्य जांच एजेंसियों में शासन स्तर पर लंबित मामलों को दो माह में निस्तारित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नेता हों या अफसर, उनके खिलाफ कार्रवाई में कोई शिथिलता न बरती जाए।

शास्त्री भवन स्थित सभागार में आयोजित बैठक मंगलवार रात दस बजे खत्म हुई, जिसमें सीएम योगी ने ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर लंबित विभिन्न मामलों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने साफ कहा कि शासन स्तर पर जिन मामलों में अभियोजन स्वीकृति, मुकदमा दर्ज करने की अनुमति या अन्य कार्रवाई लंबित है, उन्हें प्राथमिकता पर दो माह के भीतर निपटाया जाए।

सतर्कता अधिष्ठान, ईओडब्ल्यू, सीबीसीआइडी, एंटी करप्शन, एसआइटी सहित अन्य जांच एजेंसियों में करीब 400 से अधिक मामले लंबित हैं। इसमें नेताओं, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों के अलावा आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस के अलावा अन्य संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम शामिल हैं।

इसे लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी भी जताई। उन्होंने ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स को संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर लंबित कार्रवाई को निपटाने का निर्देश दिया। कहा कि टास्क फोर्स अपनी मानीटरिंग में कार्रवाई कराए।

मुख्यमंत्री ने जांच एजेंसियों के प्रमुखों से विवेचना और अन्य बिंदुओं पर आ रही दिक्कतों के बारे में भी पूछा और उन्हें अतिरिक्त स्टाफ उपलब्ध कराने का भी भरोसा दिलाया। बैठक में जीबी पटनायक कमेटी की संस्तुतियां पर भी चर्चा की गई। बैठक में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी ओपी सिंह, सभी जांच एजेंसियों के डीजी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।’

कई बड़ों पर शिकंजा कसना तय

लोकसभा चुनाव से पहले पुलिस और जांच एजेंसियां बड़ों पर नकेल कसेंगी। बैठक में तेजी से कार्रवाई के जो निर्देश दिए गए, उसके पीछे भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई कर राज्य सरकार संदेश देना चाहती है। ऐसे में चुनाव से पूर्व कई बड़ों पर शिकंजा कसना तय है।

मुख्यमंत्री ने लखनऊ समेत कई जिलों में हाल के दिनों में बढ़े अपराध पर सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी ओपी सिंह के अलावा आला अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि इनमें समूह क, ख, ग, घ के कुछ मामले गृह विभाग में लंबित हैं। इसमें कुछ आईपीएस, पीपीएस और डिप्टीएसपी के मामले भी हैं। मुख्यमंत्री ने दो महीने के भीतर सभी मामलों की जांच पूरी कर अभियोजन स्वीकृति देने के निर्देश दिए।

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