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देवरिया शेल्टर होम केस में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी: CM योगी

देश को शर्मशार करने वाली बिहार के मुजफ्फरपुर की घटना का अभी पटाक्षेप भी नहीं हुआ था कि इसी तरह का...
देवरिया शेल्टर होम केस में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी: CM योगी

देश को शर्मशार करने वाली बिहार के मुजफ्फरपुर की घटना का अभी पटाक्षेप भी नहीं हुआ था कि इसी तरह का मामला यूपी के देवरिया जिले में प्रकाश में आया है। इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गम्भीर रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं। यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने एक वर्ष पहले संस्था को बंद करने का निर्देश जिलाधिकारी को दिया था, लेकिन समय रहते उनके द्वारा कार्रवाई नहीं की गई।

सीएम ने जिलाधिकारी को स्थानांतरित करने का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री ने सम्पूर्ण प्रकरण की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार तथा अपर पुलिस महानिदेशक (महिला हेल्पलाइन) अंजू गुप्ता की एक जांच कमेटी के गठन के भी निर्देश दिए हैं। यह कमेटी तत्काल मौके पर जाकर जांच करेगी तथा कल यानी 07 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएगी। जांच कार्य में मण्डलायुक्त गोरखपुर आवश्यक सहयोग एवं मदद प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रकरण में दोषी पाये गए लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री जी ने कर्तव्य पालन में शिथिलता बरतने वाले जनपद देवरिया के पूर्व जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पाण्डेय को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने तथा पूर्व में प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी के रूप में तैनात नीरज कुमार तथा अनूप सिंह के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।

12 घण्टे में शासन को रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश 

यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को तत्काल अपने-अपने जनपद में स्थित महिला संरक्षण गृह तथा बाल संरक्षण गृह का निरीक्षण कर 12 घण्टे में शासन को रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों का अनुपालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सीएम ने सभी जिलाधिकारियों को दिए थे निरीक्षण के आदेश

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जी द्वारा 03 अगस्त, 2018 को सभी जिलाधिकारियों को बाल एवं महिला संरक्षण गृहों के व्यापक निरीक्षण के सम्बन्ध में विस्तार से निर्देश दिए गए थे।

रीता बहुगुणा जोशी ने दी मामले की जानकारी

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस मामले का खुलासा होने पर मुख्यमंत्री योगी ने महिला एवं बाल विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को तलब किया। मुख्यमंत्री ने रीता बहुगुणा जोशी से मामले में मंगलवार शाम तक पूरी रिपोर्ट तलब की है, जिसके बाद प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार पूरी टीम के साथ देवरिया जाएंगी।

सीएम से मुलाकात के बाद रीता बहुगुणा जोशी ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी कि मामले में डीएम सुजीत कुमार को हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही सुजीत कुमार के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। रीता ने कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने जांच के लिए दो सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति देवरिया भेजी है। जो आज वहां रहेंगे और शाम तक रिपोर्ट पेश करेंगे, रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

जानें पूरा मामला

बालिका गृह से भागी एक बच्ची ने जब पुलिस को घटना के बारे में बताया तो पुलिस ने आनन-फानन में संस्था से 24 बच्चों और महिलाओं को मुक्त कराते हुए उसे सील कर दिया है। साथ ही संचालिका और अधीक्षक समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि 18 बच्चे अब भी गायब हैं, जिनके बारे में पता लगाया जा रहा है।

मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण और समाज सेवा संस्थान के द्वारा संचालित बाल, शिशु, विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण एवं स्वाधार गृह देवरिया में बालिकाएं, शिशु और महिलाओं को रखा जा रहा था। रविवार को बालिका गृह से बिहार के बेतिया की रहने वाली एक बालिका भाग कर महिला थाने पहुंची और थानाध्यक्ष से आप बीती बताई। इसके बाद पुलिस संस्था पर पहुंची और वहां से 24 बच्चों, महिलाओं को मुक्त कराया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए रविवार देर रात पुलिस लाइन में पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि बच्चों ने संस्था में रह रही 15 से 18 वर्ष की लड़कियों से अवैध कृत्य कराने की बात कही है। संस्था को सील कराते हुए वहां की अधीक्षका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अभी 18 लड़के-लड़कियां गायब हैं। इसकी जांच के लिए सीओ सिटी और जिला प्रोबेशन अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रेसवार्ता के दौरान बालिका ने कहा कि दीदी लोगों को लेने के लिए हर दिन कार आती थी, जब वह वापस आती थीं तो वह रोते हुए आती। जब हम लोग पूछने का प्रयास करती तो वह कुछ भी बोलने से इन्कार कर देती। छोटे-छोटे बच्चों से पोछा लगवाया जाता था। पोछा न लगाने पर हम लोगों की पिटाई भी बड़ी मैडम व छोटी मैडम करती थीं। विरोध करने पर खाना नहीं दिया जाता था। जिस बालिका की हिम्मत के चलते इस घटना का राजफाश हुई उसकी मां की तीन साल पहले मौत हो गई, जिसके बाद उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली और उसको घर से निकाल दिया था।

देवरिया के डीएम ने बताया कि शासन के पत्र के बाद संस्था से बच्चों और महिलाओं को शिफ्ट करने के लिए टीम गई थी, तो अधीक्षक कंचनलता टीम से ही उलझ गई। मामले में जिला प्रोवेशन अधिकारी की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने 31 जुलाई को अधीक्षक कंचनलता और संचालिका गिरिजा त्रिपाठी के खिलाफ सरकारी कार्य में व्यवधान का मुकदमा भी दर्ज किया है। उनका कहना है कि मामले की अभी जांच की जा रही है। इसके अलावा बालिका ने जो आरोप लगाए हैं, उसकी भी पड़ताल की जा रही है।

 

 

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