देवरिया कांड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडीजी गोरखपुर की रिपोर्ट पर बड़ी कार्रवाई की है। सीएम के आदेश पर देवरिया में तैनात वर्तमान और निवर्तमान एसपी को हटाते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
एडीजी की रिपोर्ट में पाया गया है कि स्थानीय पुलिस ने हर स्तर पर लापरवाही बरती। फिलहाल महोबा के एसपी एन कोलांची को देवरिया का एसपी बनाया गया है। साथ ही डीआईजी एसीओ लखनऊ आशुतोष कुमार को बस्ती का डीआईजी बनाया गया है। एटीएस में तैनात एसपी कुंवर अनुपम सिंह को महोबा का एसपी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री के देवरिया कांड में पुलिस की भूमिका की जांच के लिए डीजीपी को निर्देश दिए थे। डीजीपी के आदेश पर एडीजी गोरखपुर ने उन्हें 11 अगस्त को जांच रिपोर्ट सौंपी। डीजीपी ने रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद 14 अगस्त को शासन को अपनी संस्तुतियां सौंपी।
डीजीपी की संस्तुतियों के बाद शासन ने कई निर्णय लिए। इसमें एसपी देवरिया रोहन पी कनय को डीजीपी आफिस से संबद्ध करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू की गई। 24 सितंबर 2017 से 24 मार्च 2018 तक देवरिया के तत्कालीन एसपी रहे राकेश शंकर और वर्तमान में बस्ती रेंज के डीआईजी को डीजीपी आफिस से संबद्ध करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है।
देवरिया सदर के सीओ दयाराम सिंह गौर को लापरवाही और अकर्मण्यता के कारण तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू की गई। साथ ही 31 जुलाई को कोतवाली देवरिया में डीपीओ द्वारा कराए गए मुकदमे में समय रहते कार्यवाही नहीं करने के कारण संबंधित विवेचक और थाना प्रभारी द्वारा बरती गई लापरवाही और शिथिलता के कारण उन्हें निलंबित कर विभागीय कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
शासन ने डीजीपी से यह भी अपेक्षा की है कि डीएम के आदेश के बावजूद जिन थानों के स्तर पर संरक्षण गृह में अवैध रूप से बरामदशुदा महिलाओं और बालिकाओं को भेजा गया है, उन थाना प्रभारियों का भी दायित्व निर्धारित कर विभागीय कार्यवाही शुरू करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट दें।