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राजस्थान में आधे से भी कम हुआ दूध का कलेक्शन, सब्जियों की मची किल्लत

अखिल भारतीय किसान महासंघ और उसके साथ जूट 125 किसान संगठनों की 'गांव बन्द' मुहिम बाजार के लिए कड़ा सबक ले आई...
राजस्थान में आधे से भी कम हुआ दूध का कलेक्शन, सब्जियों की मची किल्लत

अखिल भारतीय किसान महासंघ और उसके साथ जूट 125 किसान संगठनों की 'गांव बन्द' मुहिम बाजार के लिए कड़ा सबक ले आई है। देश के 22 राज्यों में 1 से लेकर 10 जून तक चल रहे गांव बंद का भयानक विपरीत परिणाम सामने आने लगे हैं। राजस्थान में राजधानी जयपुर की सरस डेयरी समेत प्रदेश की सभी डेरियों में दूध की किल्लत शुरू हो चुकी है। जयपुर डेयरी में दूध का कलेक्शन आधे से कम होने के कारण राजधानी में दूध की सप्लाई तकरीबन ठप सी हो गई है।

जयपुर डेयरी के चेयरमैन ओमप्रकाश पूनिया ने आज मीडिया से बात करते हुए बड़ी निराशा भाव से कहा कि प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। सरस डेयरी के दूध टैंकरों को गांव में ही किसानों-पशुपालकों द्वारा खाली करवाने की घटनाएं आम हो गई है।

पूनिया ने बताया कि किसानों के गांव बन्द के बाद उपजी इस नाजुक हालत से निपटने के लिए सरकार से गुहार लगाई गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन से अपील की गई है, लेकिन वहां से कोई रेस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। पूनिया ने कहा है कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा बेवजह से किसानों को बरगलाने के कारण यह स्थितियां सामने आईं हैं।

आधे से भी कम रह गया संकलन

राजस्थान डेयरी फेडरेशन के मुताबिक, आज सरस डेरी का दूध संकलन करीब 10 लाख लीटर से घटकर 4.56 लाख लीटर रह गया है। कमोबेश यही हालात अलवर, बीकानेर, भीलवाड़ा, कोटा, जोधपुर, सीकर, नागौर समेत अन्य डेयरियों के हैं। जयपुर डेयरी ने करीब 2 माह पहले ही डेयरी में कलेक्शन क्षमता से अधिक दूध संकलन होने का बहाना बनाकर कई किसानों से दूध लेने में आनाकानी की थी, लेकिन आज सरस डेयरी के चेयरमैन पूनिया ने किसानों से दूध देने की मार्मिक अपील की है।

सब्जी रह गई 30 फीसदी

'गांव बन्द' से राजधानी जयपुर में केवल दूध का ही संकट नहीं है, बल्कि राजस्थान की सबसे बड़ी फल एवं सब्जी मंडी मुहाना टर्मिनल मार्केट (महात्मा ज्योतिबा फूले सब्जी मंडी) में भी सब्जियों की आवक केवल 30 फ़ीसदी रह गई है। स्थानीय सब्जी की आवक पूरी तरह से ठहर गई है। बाजार में भाव आसमान छूने लगे हैं। राजधानी जयपुर में जो टमाटर तीन दिन पहले तक 10-12 रुपये किलोग्राम के भाव बिक रहा था, वह अब 20-22 रुपये पर पहुंच गया है।

 

हालांकि, इस बीच जानकारी में आया है कि गांव बन्द की सूचना के बाद कई कारोबारियों ने सब्जियां स्टॉक कर ली थी, जो अब महंगे भाव बेच रहे हैं। मज़ेदार बात यह है कि शिकायतें मिलने के बावजूद मंडी और पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।

इधर, मुफ्त में सब्जी-दूध वितरण

गांव बंद के तहत 10 तारीख तक दूध व सब्जी मंडियों में बाजार में नहीं बेचा जाएगा। किसानों के इस ऐलान के चलते शहरों में लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन इस बीच कुछ सकारात्मक खबरें भी सामने आ रही हैं। जयपुर के पास ही नींदड़ बचाओ संघर्ष समिति और नींदड़ किसान संघर्ष समिति ने मिलकर यहां मुफ्त में सब्जियां और दूध लोगों को देने का काम भी शुरू कर दिया है। नींदड़ संघर्ष समिति के संयोजक नगेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि आसपास के किसान अपना दूध और सब्जियां यहां हाईवे के नजदीक लाकर लोगों को मुफ्त में बांट रहे हैं। यहां से आने-जाने वालों को दूध गिलास में डालकर पिलाया जा रहा है और घर ले जाने के लिए फ्री में सब्जियां दी जा रही है।

गिरा दिए कई टैंकर दूध

दो दिन में अकेले जयपुर डेयरी के ही अलग-अलग जगह चार टैंकर दूध के सड़क पर फेंकने के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 2 मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जयपुर के ही चाकसू, फागी और करधनी थाना क्षेत्र में जबरन टैंक रुकवाकर दूध ज़मीन पर गिराने के मामले सामने आए हैं।

 

सोशल मीडिया पर किसानों से की जा रही है ये अपील

इस बीच लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर किसानों से दूध व सब्जियां फेंकने के बजाए गरीबों, मरीजों और बेसहारा लोगों को मुफ्त देने की अपील की जा रही है। अभी तक सरकार की ओर से कोई पहल किए जाने की कोई जानकारी नहीं है, वहीं विपक्षी दलों ने अपनी सियासत चमकाने के लिए किसानों को भड़काने का काम शुरू कर दिया है।

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