उत्तर प्रदेश में 2013 में सांप्रदायिक आग में बुरी तरह झुलसे मुज्जफरनगर में फिर माहौल गरमा रहा है। यहां 13 फरवरी को विधानसभा के उप-चुनाव होने हैं। भाजपा एक बार फिर यहां जबर्दस्त सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना शुरू कर चुकी है। भाजपा की सभाओं में मुजफ्फरनगर की 2013 की चिंगारी को याद किया जा रहा है और यह दावा किया जा रहा है कि इसी चिंगारी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया।
यहां चुनाव प्रचार के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी के भी जाने की चर्चा है। इन चुनावों में सांप्रदायिक हिंसा, महापंचायत के अलावा भाजपा का जोर बहु-बेटी का सम्मान है और इसीलिए वह बहू-बेटी के सम्मान में भाजपा मैदान में का नारा देकर आगे की रणनीति बना रही है। भाजपा के इस चुनावी प्रचार ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सहति बाकी मानवाधिकार संगठनों को खासा परेशान कर रखा है। अमन कमेटी में सक्रिय रहे लतीफ ने चिंता जताई की माहौल फिर से खतरनाक बन रहा है। बेवजह भावनाएं भड़काई जा रही है। करीब 30 महीने पहले जो हिंसा का तांडव यहां हुआ उसने इस विकसित इलाके को 20 साल पीछे ढकेल दिया। फिर ये सब किया जा रहा और इसी बहाने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए ध्रुवीकरण किया जा रहा है। भाजपा के राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य और विवादित भाषणों के लिए जाने वाले उमेश मलिक ने इस बार भी कमान संभाल रखा है। उनके साथ केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान बने हुए हैं। उमेश मलिक ने भाजपा की चुनावी रैली में जिस तरह से खुलेआम कहा, लोकसभा के चुनावों में मुजफ्फरनगर से उठी चिंगारी प्रदेश में गई, प्रदेश से पूरे देश में गई। आप लोगों के द्वारा बनाए गए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपके द्वारा चिंगारी के कारण बने थे। इस तरह से मुजफ्फरनगर में दोबारा उसी माहौल को बनाने की कोशिश हो रही है। भाजपा के यहां से उम्मीदवार कपिल देव अग्रवाल हैं, जो व्यापारी समुदाय से हैं, लेकिन पूछ और पहुंच संजीव बालीयान और उमेश मलिक की ही है। गौरतलब है कि यहां से समाजवादी पार्टी के विधायक चितरंजन स्वरूप थे और उनकी मृत्यू की वजह से ही ये उप-चुनाव हो रहे हैं। यहां से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार स्वर्गीय चितरंजन स्वरूप के बेटे गौरव स्वरूप हैं और कांग्रेस से सलमान सईद चुनाव लड़ रहे हैं।