चार साल पहले इराक में आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा मारे गए 27 पंजाबी युवाओं के परिजनों को मुआवजे और सरकारी नौकरी देने के मसले पर पंजाब की विधानसभा में सियायसत गर्मा गई।
विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में इराक में मारे गए 27 पंजाबी युवाओं के परिजनों को मुआवजे व सरकारी नौकरी देने के मसले पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोंक झोंक जारी रही।
विपक्ष ने नेता सुखपाल खेहरा ने हरेक परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग रखी तो वहीं शिरोमणी अकाली दल के बिक्रम मजीठिया ने एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांग कर डाली। मजीठिया ने यह सवाल भी उठाया कि राज्य सरकार के दावे मुताबिक क्या पीड़ित परिजनों को हर माह 20,000 रुपए मुआवजा सच में दिया जा रहा है?
मसले पर विपक्ष से सरकार को घिरता देख सीएम कैप्टन अमरिदंर सिंह को सदन में एलान करना पड़ा कि राज्य सरकार की नीति मुताबिक इराक में मारे गए युवकों के पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा। इस बीच कांग्रेस के कई विधायकों ने केंद्र से पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र की सरकार में भागीदार शिरोमणी अकाली दल मुआवजा दिलाए।