मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए 75 करोड़ से अधिक के आबकारी घोटाले में आरोपी अधिकारी-कर्मचारियों को बहाल करने के प्रदेश की भाजपा सरकार के निर्णय को लेकर कांग्रेस ने तीखे तेवर अपना लिए हैं।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने इसे प्रदेश की भाजपा सरकार का एक और बड़ा घोटाला बताया है और इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री निवास के सामने भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत करने के लिए लगाई गई पेटी में अपनी शिकायत डाली है।
आरोपियों की बहाली एक और घोटाला होने का दे रहा संकेत- अजय सिंह
अपने शिकायती पत्र में सिंह ने कहा की राज्य सरकार ने गुरुवार देर रात वर्ष 2017 के बड़े आबकारी घोटाले के आरोपियों को बहाल करने का आदेश निकाला, जिसकी जांच भी पूरी नहीं हुई है। और यह मामला लोकायुक्त के साथ हाईकोर्ट में भी चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने चोरी छिपे तरीके से बहाली का जो आदेश निकाला है वह घोटाले में एक और घोटाले होने का संकेत दे रहा है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने पत्र में स्मरण कराते हुए कहा कि वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री ने नागरिकों से यह आह्वान किया था कि प्रदेश में कहीं भी भ्रष्टाचार होने पर वे इसकी लिखित शिकायत मुख्यमंत्री निवास के बाहर लगी शिकायत पेटी में डाल सकते हैं।
घोटाले में जिन अधिकारी-कर्मचारियों को राज्य सरकार ने दोषी माना है उन्हें बहाल क्यों किया?
सिंह बोले, इंदौर में हुए आबकारी घोटाले के संबंध में मेरी शिकायत है कि जब सरकार ने पूरी तरह सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे के साथ अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को दोषी माना है तो उन्हें बहाल क्यों किया गया। क्या आरोपियों ने इस घोटाले में सत्ताशीर्ष से जुड़े लोगों के नाम उजागर करने की धमकी दी थी। आप इस मामले की जांच कराने में सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि इसलिए इस पूरे मामले की जांच सीबीआई अथवा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराएं। जिस तरह से सरकार ने बहाली करने का शर्मनाक निर्णय लिया है उससे लगता है कि सरकार शासन के राजस्व को चूना लगाने वाले अधिकारी कर्मचारियों को निर्दोष ठहराने में पूरी ताकत से लग गई है।