खांडू ने कहा, 'मैंने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करके उन्हें यह सूचना दी है कि हमने कांग्रेस का पीपीए में विलय कर दिया है। राज्य में कांग्रेस के 46 विधायक हैं जिनमें से 43 इस पार्टी में शामिल हो गए हैं। पीपीए का गठन 1979 में हुआ था। यह 10 क्षेत्रीय दलों के नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस का हिस्सा रहा है, जिसका गठन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मई 2016 में किया था। वर्तमान में असम में भाजपा के नेता हेमंता विश्व सरमा इसके प्रमुख हैं।
कांग्रेस का अरुणाचल का संकट काफी पुराना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नाटकीय घटनाक्रम के बाद जुलाई में नबाम तुकी के स्थान पर पेमा खांडू को मुख्यमंत्री घोषित करके कांग्रेस ने सफलता अर्जित की थी। खांडू के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद दो निर्दलीयों और 45 पार्टी विधायकों के समर्थन से कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार बना ली थी। तेजी से बदलते घटनाक्रम के बाद बागी नेता खालिको पुल अपने 30 साथी बागी विधायकों के साथ पार्टी में लौट आए थे। पुल बागी होकर मुख्यमंत्री बने थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अपदस्थ कर दिया था।
अब 43 विधायकों के पीपीए में चले जाने के बाद कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री नबम तुकी और एक-दो विधायक ही बचे रह गए हैं। हाल में पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल का निधन हो गया था। फरवरी 2016 में उन्होंने 24 कांग्रेसी विधायकों के साथ पीपीए में प्रवेश किए थे।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था जिसमें अदालत ने कलिखो पुल सरकार को असंवैधानिक घोषित कर पूर्व की कांग्रेस सरकार को बहाल करने का आदेश दिया था। इसके बाद पेमा खांडू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। ताजा घटनाक्रम के बाद राज्य में एक बार फिर भाजपा को सफलता मिलती दिख रही है।