राजनीति में बड़बोलापन का अलग ट्रेंड है। कुछ नेता इसी के लिए जाने जाते हैं। एक आड़े तिरछे बयान से सोशल मीडिया में ट्रेंड करने लगते हैं। अभी भाजपा के बेगूसराय से सांसद और मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में एक कार्यक्रम के दौरान न सुनने वाले अधिकारियों को दो हत्था बांस से मारने की बात की तो बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने उनकी कैबिनेट से बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग कर दी।
यह मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी ने बिजली अधिकारियों को बांधने वाला बयान दे डाला। वैसे गिरिराज सिंह की तरह इरफान के भी समय समय पर बिगड़े बोल निकलते रहते हैं। ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर जनता की तालियां बटोर लेने और मीडिया में स्थान पा लेने, सोशल मीडिया में ट्रेंड कर जाने से मकसद पूरा हो जाता है।
इरफान अंसारी ने जामताड़ा के नारायणपुर के बूट बेरिया गांव में एक पुस्तकालय के उद्धाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिजली विभाग का कोई अधिकारी बिजली काटने आये तो उसे खूंटे से बांध देना। उनके इस संबोधन वाला वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। इरफान जिस कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हैं वह हेमन्त सरकार में शामिल है। और बिजली विभाग मुख्यमंत्री के पास है। इस तरह इरफान अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री के विभाग के अधिकारियों को बांधने की बात कर रहे हैं। वे कहते हैं कि जेई, एई कोई भी आये इसी खूंटे में बांधिये न, बोलिये न, अपनी बात दोहराते हैं और जनता से समर्थन लेते हैं। बोलते हैं देख लेंगे हम। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के काम में लगी हुई है। सरकार ने अभी किसानों का ऋण माफ किया है। पचास हजार की माफी के बाद वित्त मंत्री ने एक लाख और माफी की घोषणा की है। आप सभी फिर बैंक से जितना कर्ज लेना है लीजिए आने वाले समय में फिर इसी तरह कर्ज माफ करायेंगे ये इरफान अंसारी बोल के जा रहा है।
भौंकने वाले विधायकों पर हो कार्रवाई
तीन दिन पहले ही भाजपा विधायकों के विधानसभा में हंगाम पर इरफान ने कहा कि विधायकों ने जो आचरण पेश किया है वह असंवैधानिक है, लगता है आचरण सीखने की जरूरत है, कल्चर भूल गये हैं। कुत्ते की तरह भौंक रहे हैं, लगता नहीं कि सदन में आये हैं। दो-दो टर्म के विधायक हैं। स्पीकर से कहा है कि जो भौंक रहे थे उनके खिलाफ कार्रवाई हो। हालांकि उनके इस बयान पर गोड्डा के विधायक अमित मंडल ने काउंटर भी किया कि जब वे खुद पहली बार पिछले टर्म में विधायक बने थे। माइक फेंक कर स्पीकर को मारा था तब नैतिकता कहां गई थी। इसके पूर्व अक्टूबर महीने में दुमका विधानसभा उप चुनाव के दौरान भी इरफान अंसारी ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा नेता और उनकी औलाद कभी संस्कारी नहीं हो सकते। पिछले साल मार्च महीने में चलते सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा से कई टर्म विधायक व मंत्री रहे सीपी सिंह को कोरोना प्रसाद सिंह, पागल और भी बहुत कुछ बोला और स्वास्थ्य मंत्री से इन्हें वेंटिलेटर पर रखने की मांग कर दी थी।