करीब 42 दिन से लगातार लॉकडाउन के बीच पंजाब के बाहर गुरुद्वारों में फंसे सिख श्रद्धालुओं को वापस उनके घरों में लाने को लेकर चली सियासत और लापरवाही यहां की कांग्रेस शासित कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर भारी पड़ गई है। देशभर में मरकज से लौटे तब्लीगी जमात के लोगों द्वारा कोरोना संक्रमण की खबरों के ठंडा पड़ते ही पंजाब में भी इसी तर्ज पर बाहर से लौटे सैकड़ों श्रद्धालुओं में कोरोना के कहर की खबरें गर्मा गई हैं। महाराष्ट्र के नांदेड स्थित गुरुद्वारा हजूर साहिब से पंजाब में श्रद्धालुओं के लौटने के साथ ही पिछले दो तीन दिन से यहां कोरोना कहर बरपा रहा है। यहां के कई शहरों में लौटे करीब 3]500 श्रद्धालुओं में से 200 से अधिक श्रद्धालु कोरोना पीड़ित पाए गए हैं।
24 घंटे में 225 नए मरीजों में 180 श्रद्धालु
आइसोलेशन ठिकानों में ठहराए गए श्रद्धालुओं के टेस्ट जारी हैं जिससे कोरोना पीड़ितों की संख्या और अधिक बढ़ने की आंशका है। पिछले 24 घंटे में कोरोना पॉजिटिव पाए गए 225 नए मरीजों में 180 श्रद्धालु हैं जो हजूर साहिब से लौटे हैं। श्रद्धालुओं की पंजाब वापसी को लेकर 20 अप्रैल से शिरोमणिअकाली दल से सांसद सुखबीर बादल और उनकी केंद्रीय मंत्री पत्नी हरसिमरत कौर ने गृह मंत्रालय पर दबाव बनाया था। श्रद्धालुओं की सकुशल पंजाब वापसी का श्रेय कहीं अकेला शिरोमणि अकाली दल न ले जाए, इसे देखते हुए कैप्टन सरकार ने पनबस और प्राइवेट ऑपरेटर्स की बसें नांदेड़ के लिए रवाना की, पर खचाखच भरी बसों में 24 घंटें से भी अधिक समय का सफर कर लौटे यात्रियों समेत बसों के ड्राइवर कंडक्टर भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। इस लापरवाही पर अपनी ही सरकार को घेरते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ‘आउटलुक’ से कहा कि बड़े पैमाने पर हुई लापरवाही से सैंकड़ों लोगों की जान को खतरे में डालने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
हरसिमरत कौर बादल ने क्या कहा
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि उन्होंने पंजाब सरकार को चौकन्ना किया था कि हजूर साहिब से आने वाले श्रद्धालुओं को उनके घरों में जाने से पहले 14 दिन तक एकांतवास में रख कर टेस्टिंग जरूर करवाई जाए। पर पंजाब सरकार ने इस तरफ ध्यान न देकर बिना टेस्ट के कई लोगों को घर भेज दिया। यदि इन सभी श्रद्धालुओं के टेस्ट करवाकर रिपोर्ट आने तक पूरे इंतजाम तथा सम्मान के साथ एकांतवास में रखा जाता तो पंजाब में इतने बड़े पैमाने पर कोरोना का फैलाव न होता।
आज पंजाब में कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने स्वीकार किया है कि उनके विभाग से लापरवाही हुई है। इसी लापरवाही का ही परिणाम है कि आज पंजाब में कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। 25 अप्रैल तक बठिंडा, तरनतारन, संगरुर जैसे कोरोना मुक्त ग्रीन जोन वाले जिलों में भी कोरोना ने जबरदस्त दस्तक दे दी है।
हरसिमरत कौर बादल का कहना है कि श्रद्धालुओं के मामले में पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नालायकी साफ नजर आ रही है। उन्होंने दोहराया कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले एक महीने में 5,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के फंडों में आपदा राहत कोष में 247 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 112 करोड़ रुपये इस महामारी से निपटने के लिए भेजे हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार बड़े पैमाने पर लोगों के टेस्ट न कराके उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है।
पंजाब में कोरोना मरीजों की संख्या 600 के पार
पंजाब में कोरोना वायरस पीडित मरीज़ों की संख्या 600 के पार पहुंच गई है। इनमें ज्यादातर मरीज नांदेड़ से लौटे श्रद्धालु हैं। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों मुताबिक, जालंधर में कोरोना वायरस के पॉजीटिव केस 117, मोहाली में 94, पटियाला में 82, अमृतसर में 91, लुधियाना में 77, पठानकोट में 25, नवांशहर में 23, तरनतारन 15, मानसा में 13, कपूरथला 12, होशियारपुर में 11, फरीदकोट 6, संगरूर में 7 केस, मुक्तसर और गरदासपुर में 4-4 केस, मोगा में 5, बरनाला में 2, फतेहगढ़ साहिब में 3, जलालाबाद 3, बठिंडा में 4, रोपड़ में 5 और फ़िरोज़पुर में 12 कोरोना वायरस के पॉजीटिव मामलों की पुष्टि की गई है। अब तक पंजाब में 22 लोगों की मौत हो चुकी है।
तीन जोन में बंटेंगे जिले
अलग-अलग जिलों की स्थिति के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन्हें तीन जोनों रेड, ग्रीन और ऑरेंज में बांटने का काम किया है। 3 मई को जब लॉकडाउन खत्म होगा तो यह सभी जिले रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के हिसाब से परखे जाएंगे। पंजाब के जालंधर, पटियाला, लुधियाना को रेड जोन में रखा गया है, जबकि मोहाली, पठानकोट, मानसा, तरनतारन, अमृतसर, कपूरथला, होशियारपुर, फरीदकोट, संगरूर, नवांशहर, फिरोजपुर, मुक्तसर साहिब, मोगा, गुरदासपुर, बरनाला को ऑरेंज जोन में रखा गया है। चार शहरों रोपड़, फतेहगढ़ साहिब, बठिंडा और फाजिल्का को ग्रीन जोन में रखा गया है।