केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के मानहानि मामले में अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरावाल और सह आरोपी उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बरी कर दिया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समर विशाल ने लिखित में माफी मांगने और शिकायतकर्ता द्वारा इसे स्वीकार करने के बाद यह फैसला दिया है। अमित सिब्बल द्वारा दायर मानहानि के मामले में वकील प्रशांत भूषण और भाजपा नेता शाजिया इल्मी के खिलाफ मामला चलता रहेगा। 2013 में अमिल सिब्बल ने यह मामला दायर किया था जिसमें केजरीवाल सिसोदिया, प्रशांत भूषण और शाजिया इल्मी के खिलाफ मामला दायर किया गया था।
केजरीवाल ने मांगी गडकरी और सिब्बल से माफी
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी नेता नितिन गडकरी को 16 मार्च को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने लिखा है, 'हम दोनों अलग-अलग दलों में हैं। मैंने आपके बारे में बिना जांचे कुछ आरोप लगाए, जिससे आपको दुख हुआ होगा, इसलिए आपने मेरे खिलाफ मानहानि का केस दायर किया। मुझे आपसे निजी तौर पर कोई दिक्कत नहीं है, इसलिए मैं आपसे माफी मांगता हूं।' केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि गडकरी देश के सबसे भ्रष्टाचारी व्यक्ति हैं। केजरीवाल के लिखित में माफीनामे के बाद नितिन गडकरी और केजरीवाल ने पटियाला हाउस कोर्ट में केस को वापस लेने की अर्जी लगाई थी।
माफीनामे पर कपिल सिब्बल ने कहा, 'केजरीवाल जी और सिसौदिया जी ने स्वीकार किया कि कुछ साल पहले मुझ पर और मेरे बेटे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो आरोप लगाए गए थे, वो गलत थे। उन्होंने जो किया उसके लिए माफी मांग ली है। अब सब कुछ भूलकर हम आगे बढ़ेंगे।'
केजरीवाल ने माफी मांगने के इस सिलसिले की शुरुआत अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया से की थी, जिसके बाद पंजाब 'आप' में घमासान मच गया था।