देशभर में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐलान किया है कि अब पंजाब में उन्हीं लोगों को एंट्री मिलेगी, जिनके पास निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट हो या फिर उन्होंने कोरोना के खिलाफ लड़ने वाली वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हो।
पंजाब सरकार ने अपने आदेश में प्रशासन से कहा है कि इस आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाए। खासकर जो लोग हिमाचल प्रदेश और जम्मू से आ रहे हैं उनपर नजर रखी जाए, क्योंकि इन दोनों ही राज्यों में कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं। पंजाब सरकार का यह आदेश सोमवार से लागू हो जाएगा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हिमाचल प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में सकारात्मकता दर के बारे में चिंता व्यक्त की, जिसने संभवत: पिछले सप्ताह पंजाब की सकारात्मकता दर को मामूली रूप से 0.2 प्रतिशत तक बढ़ा दिया।
साथ ही, कोरोना के खतरे को देखते हुए पंजाब सरकार ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि राज्य के स्कूल और कॉलेजों में सिर्फ वैसे ही शिक्षक या अन्य स्टाफ आ सकते हैं जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज ली हो, या फिर वो जो लोग हाल ही में कोविड-19 से ठीक हुए हैं वैसे लोग ही स्कूल या कॉलेज में उपस्थित रह सकते हैं। यहां तक कि यहां अभी छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास की सुविधा को भी जारी रखने के लिए कहा गया है।
प्रदेश के स्कूलों को दोबारा खोले जाने के बाद से पिछले एक सप्ताह में छात्रों के बीच कई पॉजिटिव मामले दर्ज किए हैं।
बता दें कि पंजाब में शुक्रवार को कोविड के 88 नए मामले दर्ज किए और कोई मौत नहीं हुई। राज्य में संक्रमितों का कुल आंकड़ा लगभग छह लाख है। पंजाब ने स्कूलों को फिर से खोलने के बाद कोविड परीक्षण तेज कर दिया है। सरकार ने प्रतिदिन स्कूलों से कम से कम 10 हजार नमूनों का आरटी-पीसीआर परीक्षण करने का भी निर्णय लिया है।