पंजाब में कोविड की समीक्षा के बाद मौजूदा हालात को देखते हुये कोविड प्रतिबंधों को 10 जून तक बढ़ाये जाने का ऐलान किया गया है। सक्रिय कोविड मामलों की संख्या और पॉजिटिविटी दर में गिरावट आने के मद्देनजऱ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने निजी वाहनों में सवारियों की संख्या की सीमा हटाने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में चुनिन्दा सर्जरियों को बहाल करने के साथ राज्य के सभी सरकारी मैडीकल कॉलेज और अस्पतालों में ओ.पी.डी. सेवाएं फिर शुरू करने के भी आदेश दिए हैं। गंभीर कोविड मामलों के लिए ऑक्सीजन और बेड की उचित उपलब्धता को यकीनी बनाने के लिए 12 अप्रैल को चुनिन्दा सर्जरियों को बंद कर दिया गया था, परन्तु मुख्यमंत्री ने अब इन ऑपरेशनों को अस्पताल में एल-3 मरीज़ों के लिए बेड की कमी न होने की शर्त पर बहाल करने की आज्ञा दी है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने कहा कि सरकारी मैडीकल कॉलेजों ने 50 प्रतिशत ओ.पी.डी. सेवाएं पहले ही शुरू की हुई हैं, जो अब 100 प्रतिशत हो जाएंगी।
कोविड पाबंदियों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि माहिरों की सलाह के मुताबिक बन्दिशों को जारी रखने का फ़ैसला लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निजी कारों और दो-पहिया वाहनों पर सवारियों की सीमा हटाई जा रही है, क्योंकि इन वाहनों में मुख्य तौर पर पारिवारिक सदस्य और नज़दीकी दोस्त-साथी ही सवार होते हैं, परन्तु सवारियों की ढोने वाले कमर्शियल वाहनों और टैक्सियों पर सीमा पहले की तरह जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय हालातों की प्राथमिकता के मुताबिक ग़ैर-ज़रूरी दुकानें खोलने में किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए डिप्टी कमिश्नर ही अधिकृत रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हालात कुछ हद तक सुखदायक होने के बावजूद राज्य किसी तरह की ढील बरतने की स्थिति में नहीं है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों को कोविड स्वास्थ्य देखभाल से सम्बन्धित बुनियादी ढांचा और सुविधाओं को मज़बूत किया जाना जारी रखने के आदेश दिए हैं, जिससे महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटा जा सके। उन्होंने इन विभागों को बच्चों के स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ भारत सरकार से बच्चों के लिए प्रयोग में आने वाले 500 पेडियाट्रिक वेंटीलेटरों की माँग करने के लिए कहा। मीटिंग में बताया गया कि प्रधानमंत्री केयर फंड के अंतर्गत हासिल हुए 809 वेंटिलेटर बाँट दिए गए हैं और इनमें से 136 काम नहीं कर रहे।
मुख्यमंत्री ने संभावित तीसरी लहर की माँग की पूर्ति करने के लिए तकनीकी और स्पैशलिस्टों के अन्य पद सृजन करने के भी निर्देश दिए। डॉ. राज बहादुर ने मीटिंग के दौरान बताया कि डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती लगभग मुकम्मल है, जबकि अस्थायी अस्पतालों के लिए साजो-सामान खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि आई.ए.एस./पी.सी.एस. के मौजूदा पद के कार्यकाल के मध्य-स्तर के तबादले कोविड संकट जारी रहने तक रोक लेने चाहिएं।
कुछ प्राईवेट अस्पतालों द्वारा अधिक पैसे वसूलने का सख़्त नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि कोविड के संकटकालीन समय में मुनाफ़ाख़ोरी करने और मरीज़ों को लूटने की किसी भी कीमत पर इजाज़त नहीं दी जाएगी। उन्होंने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों को अस्पतालों द्वारा अपने प्रवेश पर इलाज की कीमतों को दिखाते हुए 11&5 के आकार के बोर्ड लगाने को यकीनी बनाने के निर्देश दिए।
प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सर्वोच्च अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कोविड की स्थिति का जायज़ा लेते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने घरेलू एकांतवास में अधिक जोखिम वाले व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं की निगारनी विशेष टीमों के द्वारा जारी रखने के भी आदेश दिए हैं।
राज्य में ऑक्सीजन की स्थिति का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि ज़रूरी ग़ैर-चिकित्सा मंतव्यों के लिए भी अब ऑक्सीजन इस्तेमाल करने की इजाज़त होगी, हालाँकि मैडीकल ऑक्सीजन का तीन दिन का बफ्फर स्टॉक हर समय बरकरार रखना होगा। उन्होंने संतुष्टि से इस बात का जि़क्र किया कि कोविड होने के बाद के मरीज़ों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए डॉक्टर के कहने पर मुहैया करवाने के लिए अब हरेक जिले में ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर बैंक मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम ने यह यकीनी बनाया कि किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी न रहे। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों में ऑक्सीजन की माँग 304 मीट्रिक टन से कम होकर 236 मीट्रिक टन पर आ गई है।
इस मौके पर मुख्य सचिव विनी महाजन ने मुख्यमंत्री को ऑक्सीजन की उपलब्धता के संदर्भ में स्थिति के बारे में अवगत करवाया और बताया कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तालमेल स्वरूप बरनाला कोविड सैंटर में नाईट्रोजन कन्वर्शन प्लांट 93 प्रतिशत शुद्धता के साथ कार्यशील हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने ‘कोरोना मुक्त ग्रामीण अभियान’ के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग और सैंपलिंग और अधिक बढ़ाने के भी आदेश दिए, जिससे सक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों की जल्द पहचान करके इलाज मुहैया करवाना यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने संतुष्टि ज़ाहिर की कि इन इलाकों में लगभग 1.4 करोड़ व्यक्तियों (37 लाख घरों) की जांच की जा चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में हालात इस कारण खऱाब हुए क्योंकि लोग अस्पताल देरी से जा रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव हुसन लाल ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में पॉजि़टिविटी दर 4 प्रतिशत है और लोग टेस्टिंग करवाने से झिझक रहे हैं और गंभीर लक्षण आने पर ही सामने आ रहे हैं।