दलित समुदाय से जुड़े करीब 200 लोगों ने फॉर्म भरकर धर्मांतरण के लिए अपनी अनुमति भी दे दी है। इस फॉर्म को जल्द ही सरकार के अधिकारियों को सौंपा जाएगा। इन लोगों का कहना है कि अगर उनसे समानता का व्यवहार नहीं होता है तो उनके हिंदू धर्म में रहने का कोई मतलब नहीं है। दलित समाज के युवाओं ने आक्रोश को व्यक्त करने के लिए यहां एक मौन रैली भी निकाली।
राज्य में दलित अत्याचार के विरोध में पिटाई के बाद बनासकांठा में धरना, रैली आदि का लगातार आयोजन किया जा रहा है। जिले के दलित संगठन के प्रमुख दलपत भाई भाटिया ने बताया कि दलित समाज पर लगातार अन्याय किया जा रहा है। झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं। यदि यही स्थिति रही, तो पूरे 15 हजार दलित बौद्ध धर्म स्वीकार करेंगे। इनका मानना है कि हम हिंदू धर्म से त्रस्त हो गए हैं।