Advertisement

भाजपा का राज : एमपी में बढ़ रहे अपराध पर मोदी सरकार ने दिया शांत राज्‍य का तमगा

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में दुष्कर्म, हत्या जैसे संगीन अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार मध्यप्रदेश को शांत राज्य मानती है। शांत राज्यों का मतलब है कि वो राज्य जहां लॉ एंड ऑर्डर नियंत्रण में हो। मध्यप्रदेश में नक्सली और सिमी की गतिविधियां पिछले साल की तुलना में बढ़ी हैं, फिर भी यह शांत राज्‍य का तमगा लिए हुए है।
भाजपा का राज : एमपी में बढ़ रहे अपराध पर मोदी सरकार ने दिया शांत राज्‍य का तमगा

 

मध्‍यप्रदेश में दुष्कर्म के साथ शिशु हत्या के सबसे ज्यादा मामले वर्ष 2015 में हुए। महिलाओं की अनैतिक तस्करी के मामले में पिछले एक साल में चार गुना बढ़े। महिलाओं पर होने वाले 20 अपराधों में से दस अपराधों में क्राइम रेट बढ़ा। गांजा, इफेड्रीन और काफी हद तक अफीम के मामलों में पंजाब तक को पीछे छोड़ा। आर्म्‍स एक्‍ट के मामलों में शीर्ष राज्यों में यह शामिल है। यहां पिछले साल 9773 मामले दर्ज हुए।

मध्यप्रदेश के शांत राज्य होने के कुछ कारण है जैसे उसके पास इंटरनेशनल बिजनेस लाइसेंस (आईबीएल) नहीं है। ये लाइसेंस उन राज्यों को मिलता है, जो विदेशों से सीधे हथियार खरीद सकते हैं। जो शांत राज्य होते हैं,वे बीएसएफ के जरिए हथियार खरीद पाते हैं। एमपी सरकार ने पिछले महीनों में आईबीएल के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।

शांत राज्य की सूची में शामिल राज्यों को देश में भी हथियार खरीदने में प्राथमिकता नहीं मिलती है। यदि मप्र को कोई हथियार खरीदना है और ग्वालियर या कोलकाता स्थित आर्म्‍स फैक्टरी के पास उसी वक्त जम्मू-कश्मीर या यूपी से कोई मांग आ जाए तो पहले वो उसे सप्लाई करेगा। इसका सीधा मतलब है सामान्य हथियारों की खरीदारी के लिए भी प्रदेश को लंबे इंतजार से गुजरना पड़ता है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad