मध्यप्रदेश में दुष्कर्म के साथ शिशु हत्या के सबसे ज्यादा मामले वर्ष 2015 में हुए। महिलाओं की अनैतिक तस्करी के मामले में पिछले एक साल में चार गुना बढ़े। महिलाओं पर होने वाले 20 अपराधों में से दस अपराधों में क्राइम रेट बढ़ा। गांजा, इफेड्रीन और काफी हद तक अफीम के मामलों में पंजाब तक को पीछे छोड़ा। आर्म्स एक्ट के मामलों में शीर्ष राज्यों में यह शामिल है। यहां पिछले साल 9773 मामले दर्ज हुए।
मध्यप्रदेश के शांत राज्य होने के कुछ कारण है जैसे उसके पास इंटरनेशनल बिजनेस लाइसेंस (आईबीएल) नहीं है। ये लाइसेंस उन राज्यों को मिलता है, जो विदेशों से सीधे हथियार खरीद सकते हैं। जो शांत राज्य होते हैं,वे बीएसएफ के जरिए हथियार खरीद पाते हैं। एमपी सरकार ने पिछले महीनों में आईबीएल के लिए गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।
शांत राज्य की सूची में शामिल राज्यों को देश में भी हथियार खरीदने में प्राथमिकता नहीं मिलती है। यदि मप्र को कोई हथियार खरीदना है और ग्वालियर या कोलकाता स्थित आर्म्स फैक्टरी के पास उसी वक्त जम्मू-कश्मीर या यूपी से कोई मांग आ जाए तो पहले वो उसे सप्लाई करेगा। इसका सीधा मतलब है सामान्य हथियारों की खरीदारी के लिए भी प्रदेश को लंबे इंतजार से गुजरना पड़ता है।