जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बांदीपुरा में ईद की नमाज समाप्त होने के तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और पैलेट गन चलाए। उन्होंने बताया कि 20 वर्षीय मुर्तजा अहमद को आंसू गैस का गोला लगा जिससे उसकी मौत हो गई। बांदीपुरा शहर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई अन्य लोग घायल हुए हैं। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि शोपियां जिले के बांदीपुरा में ताजा प्रदर्शनों के दौरान एक युवक शाहिद अहमद के मारे जाने के बाद दक्षिण कश्मीर से भी संघर्षों की खबर मिली है। इन मौतों के साथ ही कश्मीर में जारी हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 78 हो गई है।
वर्ष 1990 में राज्य में आतंकवाद के पैर फैलाने के बाद से यह संभवत: पहली बार है, जब ईद के मौके पर घाटी में कर्फ्यू लगा है। सूत्रों ने बताया कि हेलीकॉप्टरों और ड्रोनों के जरिये आसमान से कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कुछ इलाकों में लोगों के जुटने पर ड्रोन सुरक्षा बलों को पहले ही चेतावनी दे देंगे। अलगाववादियों की ओर से हिंसा की आशंका के बीच सुरक्षा बल बड़ी संख्या में सड़कों पर तैनात हैं। विरोध प्रदर्शनों के दौरान अलगाववादी महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल ढाल के तौर पर करते हैं, जिससे इन रैलियों में बड़ी संख्या में नागरिक हताहत होते आए हैं। 26 साल में यह पहली बार है कि जब यहां ईदगाह और हजरतबल मस्जिदों में ईद की नमाज आयोजित नहीं की गई। विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस ने कर्फ्यू लगाने के फैसले को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि इससे पार्टी का यह दावा सच साबित हो गया कि महबूबा मुफ्ती की सरकार का हालात पर कोई नियंत्रण नहीं है। बीते 8 जुलाई को सुरक्षा बलों द्वारा हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी को मार गिराए जाने के बाद से घाटी में हिंसा की घटनाएं जारी हैं।