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बेहद जहरीली हुई दिल्ली-एनसीआर की हवा, सीपीसीबी ने दी घर से न निकलने की सलाह

राजधानी दिल्ली और दिल्ली से सटे एनसीआर में प्रदूषण बेलगाम हो चुका है। दिवाली के बाद से दिल्ली की...
बेहद जहरीली हुई दिल्ली-एनसीआर की हवा, सीपीसीबी ने दी घर से न निकलने की सलाह

राजधानी दिल्ली और दिल्ली से सटे एनसीआर में प्रदूषण बेलगाम हो चुका है। दिवाली के बाद से दिल्ली की आबोहवा लगातार बिगड़ती जा रही है। दिल्ली-एनसीआर में आज भी धुंध की मोटी चादर देखी गई और प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर हो गया। वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली में अब इमरजेंसी जैसे हालात होने वाले हैं। प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार को लोगों को घरों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी है।

दिल्ली में लगातार वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर रहने के बाद सीपीसीबी ने सरकारी और निजी कार्यालयों को राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों के उपयोग को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में रही और इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआई) 473 रहा। राष्ट्रीय राधानी से सटे नोएडा और गुरुग्राम में एक्यूआई क्रमश: 587 और 557 दर्ज किया गया।

सीपीसीबी के सदस्य सचिव और उप समिति के अध्यक्ष डा. प्रशांत गर्गव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया है, 'सरकारी और निजी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वह वाहन के उपयोग को कम से कम 30 प्रतिशत (घर से काम करके, कार-पूलिंग, बाहरी गतिविधियों को सीमित कर) तक कम करें।'

सीपीसीबी ने कहा कि कार्यान्वयन एजेंसियों को उचित स्तर पर की गई कार्रवाइयों की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और संबंधित समितियों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए, जो वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) और सीपीसीबी को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।'

सीपीसीबी ने कहा, 'संबंधित एजेंसियों को जीआरएपी (श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना) के अनुसार आपातकालीन श्रेणी के तहत उपायों के कार्यान्वयन के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम चार बजे तक 471 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे खराब एक्यूआई है, गुरुवार को यह 411 था।'

गौरतलब है कि एक समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई है कि 18 नवंबर तक प्रदूषकों के छंटने के लिए मौसम संबंधी परिस्थितियां बहुत ही प्रतिकूल हैं, क्योंकि रात के समय में हवा बहुत ही शांत रह रही है।

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