अधिकारी के अनुसार खाते से दस लाख रुपये निकलने के तीन दिन बाद 15 लाख रुपये और निकाले जा रहे थे तो बैंक मैनेजर को शक हो गया और उन्हें साइबर चोरी का यह मामला पकड़ में आया।
सर्व यूपी बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आशुतोष चोपड़ा के अनुसार बैंक की आवास विकास शाखा में शाहनू के खाता संख्या 92960100014240 का दस लाख का चैक 11 सितंबर को सिद्धार्थ द्वारा लाया गया और उसे इस रकम का भुगतान कर दिया गया। जब 14 तारीख को फिर इसी खाते से 15 लाख निकालने के लिए फोन कर मैनेजर से कहा गया तो उन्हें शक हो गया।
उन्होंने यह खाता खोला तो पता चला कि इस खाते में इसी बैंक की खासपुरा शाखा के सस्पेंस एकाउंट नम्बर 92725711319 से 25 लाख रुपये डाले गए थे। उन्होंने जब यह जानकारी खासपुरा के मैनेजर को दी तब पता चला कि बैंक का पासवर्ड हैक कर इस खाते से अलग आवास विकास की इसी शाखा में खाता संख्या 92960100014259 में 24 लाख और मुजफ्फरनगर के चरथावलं के इसी बैंक के खाता संख्या 91990100059889 में दो बार में 45-45 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।
शहर कोतवाल अजय गौतम का कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। अन्य बैंकों ने कंम्प्यूटरों से पासवर्ड हैक होने की घटनाओं को देखते हुए साइबर सुरक्षा के लिए अंगूठे वाली डिवाइस लगा रखी हैं जिससे पासवर्ड चोरी के बाद भी बिना अंगूठा लगाए कंम्प्यूटर खुल ही नहीं सकता लेकिन इस बैंक में यह तकनीक अभी तक लागू नहीं की गई है। जब बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आशुतोष अरोड़ा से इसका कारण पूा गया तो उनका कहना था कि यह तकनीक अभी आयी है और हमारे यहां इसे इस्तेमाल करने का काम शुरू होने वाला है। बिजनौर कोतवाल अजय गौतम का कहना है कि जल्द मामले का खुलासा कर लिया जाएगा।