अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, बुधवार को मुस्लिम दंपति के अलावा सात लोगों की खिरकिया स्टेशन पर गोमांस के संदेह पर गौरक्षा समिति के लोगों ने तलाशी ली। इस दौरान मुस्लिम दंपति के साथ कथित तौर पर मारपीट भी की गई। इस मामले में हिंदू गौरक्षा समिति से जु़डे दो लोगों हेमंत राजपूत और संतोष को गिरफ्तार किया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को मोहम्मद हुसैन अपनी पत्नी नसीमा बानो के साथ कुशीनगर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे। इसी दौरान हरदा के खिरकिया स्टेशन पर गौरक्षा समिति के कुछ लोग ट्रेन में घुसे और जबरन उनके सामान की तलाशी लेने लगे। नसीमा ने इसका विरोध किया तो गौरक्षा समिति के लोगों ने उसके साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी की। आखिर में एक पुलिस कॉन्सटेबल ने आकर बीच-बचाव किया। इस दौरान कई अन्य यात्रियों के सामान की भी तलाशी ली गई। यह सब होता देख मोहम्मद हुसैन ने फोन कर अपने रिश्तेदारों को बुला लिया। जिसके बाद स्टेशन पर दोनों गुटों में काफी झगड़ा हुआ।
अपने साथ हुए हादसे के बारे में मोहम्मद हुसैन का कहना है कि वह भी भारतीय हैं और वह जानते हैं कि क्या गलत है और क्या सही है। जिस काले बैग में मीट था वो हमारा नहीं था। मोहम्मद हुसैन ने आरोप लगाया है कि गौरक्षा समिति के लोगो ने उनके साथ मारपीट की थी। खबरों के मुताबिक, गोरक्षक समिति को ट्रेन में एक काला बैग मिला जिसमें मांस था। हालांकि, जांच के बाद पाया गया कि वह भैंस का मांस था। हुसैन का कहना है कि जिस काले बैग में मीट था वो हमारा नहीं है।
पुलिस के मुताबिक, कुशीनगर एक्सप्रेस ट्रेन में बुधवार को बीफ मिलने की खबर पर गौरक्षा समिति से जुड़े दो युवक स्टेशन पहुंचे थे। उनके आने की भनक लगते ही मांस लेकर जा रहे लोग भाग निकले, लेकिन मांस की थैली के पास बैठे मुस्लिम दंपति से गौरक्षा समिति के युवकों ने पूछताछ की, जिससे दोनों पक्षों में विवाद हो गया। कुछ ही देर में रेलवे स्टेशन पर दोनों समुदायों के लोग जमा हो गए और मारपीट शुरू कर दी। जीआरपी ने दोनों पक्षों के 10 लोगों के खिलाफ एक दूसरे की रिपोर्ट पर शिकायत दर्ज कर ली है। मामले के दो आरोपियों पर रेलवे एक्ट की धारा होने के कारण रेल न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है जबकि दूसरे पक्ष के आठ आरोपियों को हरदा न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।