कुछ साल पहले नई दिल्ली में हुए इस सनसनीखेज मामले में फैसला सुनाते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने कहा, सभी पांच आरोपी सभी अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाते हैं। अदालत ने मामले में सजा के लिए दलीलों को सुनने के लिए 9 जून की तारीख तय की की है। नए कानून के तहत सामूहिक बलात्कार के अपराध के लिए न्यूनतम 20 साल के कारावास और अधिकतम शेष जीवन तक के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। माले में न्यायाधीश ने महेंद्र उर्फ गंजा (27), मोहम्मद रजा (23), राजू (24), अर्जुन (22) और राजू छक्का (23) को दोषी ठहराया। सभी आरोपी अदालत में मौजूद थे।
इन आरोपियों को आईपीसी की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार), 395 (डकैती), 366 (अपहरण), 342 (गलत तरीके से कैद करने), 506 (आपराधिक धमकी) और धारा 34 (समान आशय) के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया। छठे आरोपी श्याम लाल की इस साल फरवरी में मौत हो जाने से उसके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई को बंद कर दिया गया था। मामले में तीन अन्य आरोपी किशोर हैं और उनके खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष जांच चल रही है। अभियोजन पक्ष के अनुसार पांचों दोषी खानाबदोश हैं। उन्होंने 14 जनवरी 2014 की रात को डेनमार्क की पर्यटक को चाकू का भय दिखाकर उनके साथ लूटपाट की और उसके बाद उसे रेलवे स्टेशन के निकट डिवीजनल रेलवे ऑफिसर्स क्लब के पास एक निर्जन स्थान पर ले जाकर सामूहिक बलात्कार किया।
डेनमार्क की यह महिला एक जनवरी 2014 को भारत आई थी और आगरा के लिए रवाना होने से पहले कुछ दिनों तक दिल्ली में रुकी रही। कई स्थान घूमने के बाद वह 13 जनवरी 2014 को राष्ट्रीय राजधानी लौटी और रेलवे स्टेशन के निकट पहाड़गंज में एक होटल में ठहरी। अगले दिन जब वह अपने होटल लौट रही थी तो रास्ता भटक गई और आरोपियों में से एक से उसने रास्ता पूछा। उसके बाद आरोपियों ने उसे घेर लिया और उससे सामूहिक बलात्कार किया।