जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित झारखंड के लोग शिबू सोरेन के बड़े पुत्र दुर्गा सोरेन को उनकी 52वीं जयंती पर 10 सितंबर को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे, दुर्गा की विधवा, जामा से झामुमो विधायक और पार्टी महासचिव सीता सोरेन बाबा को पत्र लिख रही थीं। बाबा यानी अपने ससुर शिबू सोरेन को। हेमंत सोरेन की भाभी सीता, पत्र में अपनी पीड़ा दर्ज करा रही थीं। पार्टी में अपने खिलाफ साजिश की शिकायत कर रही थीं। कह रही थीं कि झामुमो को कुछ लोग जेबी संस्था बनाना चाहते हैं। पहले से कई मसलों पर सोशल मीडिया पर सरकार के काम-काज के प्रति नाराजगी जाहिर कर चुकीं सीता का लेटर बम पार्टी के ही महासविचव विनोद पांडेय के खिलाफ है। उन्होंने शिबू सोरेन से इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया है। अपने ट्विटर पर उन्होंने पूरा पत्र ही डाल दिया है। पार्टी, शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी टैग किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री, वरिष्ठ भाजपा नेता रघुवर दास ने भी इससे संबंधित आदर्श सिंह के ट्वीट को रि ट्वीट किया है जिसमें आदर्श ने लिखा है कि झारखंड की राजनीति किस कदर चल रही है उसका अंदाज इस बात से लगा सकते हैं कि हेमंत की भाभी को इस तरह का पत्र लिखना पड़ रहा है। पार्टी के अंदर ये हाल है तो गठबंधन का क्या हाल होगा समझ सकते हैं।
दूसरे ट्वीट में सीता सोरेन ने अपने पति दुर्गा सोरेन को नमन करते हुए लिखा है कि आपसे वादा है कि आपकी लड़ाई को मैं आगे लेकर जाऊंगी, झारखंड के गरीबों मजलूमों एवं बेसहारा लोगों के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की आवाज बनूंगी1पत्र मामले के तूल पकड़ने के बाद 11 सितंबर , शुक्रवार को उनकी भाषा और क्रांतिकारी हो गई है। ताजा ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, अगर जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है। दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत, ये इक चराग कई आंधियों पे भारी है। इधर बेरोजगारी, छठी जेपीएससी परीक्षा परिणाम की जांच, झारखंड में 1.87 लाख रिक्त पदों पर भर्ती आदि मुद्दों पर इनका रवैया आक्रामक रहा।
सोशल मीडिया में पत्र वायरल होने के बाद राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। जानकार बताते हैं कि पत्र के जरिये पीड़ा नहीं जाहिर की गई है बल्कि प्रहार किया गया है। निशाना कहीं और है। विनोद पांडेय हेमंत सोरेन के भरोसेमंद और काफी करीबी माने जाते हैं। पार्टी संगठन पर इनकी अच्छी पकड़ है। अप्रत्यक्ष रूप से यह हेमंत सोरेन पर प्रहार है। हेमंत कैबिनेट के गठन के समय सीता सोरेन के नाम की भी चर्चा थी मगर इन्हें जगह नहीं मिली। नाराजगी पार्टी में अपने महत्व को लेकर भी है। इधर विनोद पांडेय ने आउटलुक से कहा कि सीता सोरेन के पत्र के बारे में सोशल मीडिया से उन्हें जानकारी मिली। मेरे ऊपर लगाया गया आरोप आधारहीन है। चतरा जिला संगठन का मामला है। जिलाध्यक्ष ही जिले के मामले में निर्णय करते हैं। बाद में ऊपर आता है। कोई शिकायत थी तो अपनी बात को पार्टी फोरम पर तरीके से रखना चाहिए। उनका पत्र केंद्रीय अध्यक्ष को है, मुझसे कुछ पूछा जायेगा तो अपनी बात कहूंगा।
सीता ने क्या लिखा पत्र में
झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के नाम पत्र में उन्होंने लिखा कि पार्टी महासचिव विनोद पांडेय द्वारा मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलती हूं तो पार्टी कार्यकर्ता को निष्कासित कर दिया जाता है। पार्टी आदरणीय गुरू जी एवं मेरे पति स्व. दुर्गा सोरेन जी के खून-पसीने से सींची हुई है। पार्टी के चंद लोग पार्टी को जेबी संस्था बनाने पर काम कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व पार्टी महासचिव एवं विधायक होने के दायित्व निर्वहन करते हुए चतरा स्थित अम्रपाल परियोजना के विस्थापित आंदोलनकारियों के निमंत्रण पर सीसीएल के खिलाफ बैठक में शामिल होन के लिए चतरा गई थी। उस दरम्यान विनोद पांडेय के उकसावे में वहां के जिलाध्यक्ष पंकज कुमार प्रजापति द्वारा पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को मुझसे मुलाकात नहीं करने का फरमान सुनाया गया था। जो भी कार्यकर्ता मुझसे मिला सभी को साजिशन, आरोप लगाते हुए विनोद पांडेय के आदेश पर जिलाध्यक्ष द्वारा निष्कासित कर दिया गया। जो बेहद अनुचित है, मेरे खिलाफ भी। मैं भी पार्टी केंद्रीय महासचिव होने के नाते आदरणीय, पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष बाबा शिबू सोरेन जी से आग्रह करती हूं कि इस मामले को संज्ञान में लें।