हिंदूवादी नेता कमलदेव गिरी की शनिवार की शाम हत्याके बाद से चक्रधरपुर में तनाव है। तीन अपराधियों ने बम मारकर उसकी हत्या कर दी है। हत्या के बाद शहर में सांप्रदायिक तनाव कायम हो गया। नतीजा रहा कि रविवार को कमल की शवयात्रा के दौरान माहौल विस्फोटक हो गया। शवयात्रा के दौरान पवन चौक पर दोनों पक्षों की ओर से जमकर पथराव हुआ।
हालांकि जिस समय शवयात्रा निकली रैफ के जवान, वज्र वाहन और बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान मौजूद थे। इसके बावजूद करीब दो घंटे तक आपस में तकरार, नारा, विरोध और पथराव चला। कुछ दुकानों में तोड़फोड़ भी हुई।
पुलिस और मजिस्ट्रेट की गाड़ी में भी उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। घटना के विरोध में सोमवार को बाजार पूरी तरह बंद रहा। मनोहरपुर, गोईलकेरा, करोई केला, सोनुवा में बंद का ज्यादा ही असर रहा। शैक्षणिक संस्थान बंद रहे, यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा। घटना के बाद रविवार को स्वत:स्फूर्त तरीके से बाजार बंद रहा। हालात को देखते हुए प्रशासन ने दंगा निरोधक रैफ के जवानों सहित बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया है। संवेदनशील इलाकों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। फ्लैग मार्च किया गया है। 19 नवंबर तक शहर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
गिरिराज सेना के नेतृत्वकर्ता कमलदेव गिरी की कट्टर हिंदूवादी नेता की पहचान थी। हाल के कम समय में उसने शहर में अपनी पहचान कायम कर ली थी। नगर परिषद के अध्यक्ष के लिए भी दावेदारी पेश कर चुके थे जिससे विरोधियों की संख्या बढ़ गई थी। लोकप्रियता का आलम यह था कि शवयात्रा में भी करीब तीन हजार लोग शामिल थे।