यह मामला संप्रग सरकार में दयानिधि मारन के टेलीकॉम मंत्री रहते उनके संस्थानों को 300 हाई स्पीड बीएसएनएल टेलीफोन लाइनों के आवंटन से जुड़ा है। हाल ही में सीबीआई ने इस मामले में दयानिधि मारने से पूछताछ की थी। उन्होंने इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत भी ले रखी थी। माना जा रहा है कि मारन इस मामले में राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
गौरतलब है कि इस मामले तथा एयरसेल-मैक्सिस डील विवाद जैसे कुछ मामलों के कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मारन बंधुओं के सन टीवी नेटवर्क को सुरक्षा क्लीयरेंस देने से मना कर दिया था जिसके कारण सन टीवी समूह के कई चैनलों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से लाइसेंस नहीं मिल पाया है। दयानिधि मारन तथा उनके भाई कलानिधि मारन तमिलनाडु की पार्टी द्रमुक के सुप्रीमों करुणानिधि के रिश्तेदार हैं। जबतक केंद्र में संप्रग की सरकार थी तबतक तो उनके कारोबार को कोई नुकसान नहीं पहुंचा मगर केंद्र में सरकार बदलते ही उनके बुरे दिन शुरू हो गए।