हरित पैनल ने सोमवार को आरटीओ से कहा कि पंजीकरण रद्द करने के बाद इस सिलसिले में सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाए और इस तरह के वाहनों की सूची दिल्ली यातायात पुलिस को सौंपी जाए जो न्यायाधीकरण के निर्देशों के मुताबिक उचित कदम उठाएगी। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हम दिल्ली आरटीओ को निर्देश देते हैं कि ऐसे सभी डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द किया जाए जो दस वर्षों से ज्यादा पुराने हैं। न्यायाधिकरण ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए सम-विषम योजना के दौरान हवा की गुणवत्ता पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा और वास्तव में मानक स्वीकार्य सीमा से ऊपर ही रहे।
एनजीटी ने कहा, चाहे जो भी हो हमारा मानना है कि न्यायाधीकरण ने किसी भी मौके पर सात अप्रैल 2015 के आदेश को दरकिनार नहीं किया, इसलिए हम आरटीओ दिल्ली को निर्देश देते हैं कि दस वर्ष से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द करें। न्यायाधिकरण ने दिल्ली पुलिस के हलफनामे पर गौर करने के बाद यह आदेश पारित किया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर दस वर्ष से ज्यादा पुराने वाहनों को चलने से रोकने का लगातार प्रयास किया है। पीठ ने कहा, लेकिन उसे शायद ही सफलता मिली। यातायात पुलिस ने कहा कि इस तरह के वाहनों को रोकने के लिए कई बार उन्होंने चालान किए और उल्लंघन करने वाले वाहनों पर जुर्माना किया लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला।