साहिबगंज की महिला थानेदार रूपा तिर्की की मौत पर बवाल मचा हुआ है। घर वाले हत्या का आरोप लगाते रहे मगर पुलिस ने आत्महत्या का मामला मानते हुए यूडी केस दर्ज किया। विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के लोग भी मौत पर सवाल उठा रहे हैं। कोई सीबीआइ जांच की मांग कर रहा है तो कोई न्यायिक जांच की मांग। अनेक सामाजिक संगठन भी मौत पर सवाल उठा रहे हैं। मामला साहिबगंज जिला के महिला थाना की थाना प्रभारी रूपा तिर्की का है।
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र लिखकर फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से फिर से पोस्टमार्टम कराने और सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है। बाबूलाल ने कहा है कि रूपा के परिजन गुरुवार को उनसे मिलने आये थे, उन्होंने कहा कि जिस हालत में शव बरामद हुआ उससे आशंका है कि रूपा की हत्या की गई है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
बाबूलाल ने सवाल किया है कि लाश को देखते समय पुलिस ने वीडियोग्राफी करायी या नहीं, फिंगर प्रिंट क्यों नहीं लिया गया रूपा के शरीर पर कुछ काले निशान थे ऐसे में विशेषज्ञों की निगरानी में पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया। सुबूत नष्ट हो इसके पहले सीबीआइ जांच होनी चाहिए। हेमन्त सरकार की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव व कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम और कार्यकारी अध्यक्षों को पत्र लिखकर साजिश के तहत हत्या की आशंका जाहिर की है। कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय ने भी मौत पर शक जाहिर किया है। ट्वीट कर कहा कि मां, बेटी की मौत के मामले में जांच चाहती है तो मुख्यमंत्री गुहार सुनें, जांच का आदेश दें। इधर भाजपा की सहयोगी पार्टी आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि उसकी मौत आत्महत्या प्रतीत नहीं होती। सीबीआइ जांच से परिवार को न्याय मिल सकता है। आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू और आदिवासी सरना महासभा के मुख्य संयोजक पूर्व मंत्री देवकुमार धान, आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने भी सीबीआइ जांच की मांग की है। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर ने राज्यपाल को पत्र लिख सीबीआइ जांच की मांग की वहीं पुलिए मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पाण्डेय ने मामले में एसपी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए साहिबगंज एसपी को हटाने की मांग की है। रूपा की मौत पर रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ, विधायक नवीन जायसवाल और ने भी शक जाहिर करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। वाम दलों ने भी रूपा तिर्की पर प्रताड़ना के बाद आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
यह है मामला
रांची के रातू के मनुटोली की रहने वाली साहिबगंज जिला की महिला थाना की थाना प्रभारी रूपा तिर्की 2018 बैच की दरोगा थी। उसका का शव सोमवार की सुबह उसके सरकारी आवास में पंखे से लटका मिला था। गले में रस्सी के दो निशान और शरीर के कुछ अंगों पर भी दाग के निशान थे। रूपा की मां पद्मावती उराइन ने एसपी को आवेदन देकर जांच कमेटी गठित कर जांच की मांग की थी। उसका आरोप है कि बेटी की हत्या की गई है। घुटने पर पीटने जैसा निशान है। पड़ोसी दो महिला दरोगा पर भी उन्होंने आरोप लगाया था कि वह हमेशा उसे टार्चर करती रहती थी। दस दिन पहले भी किसी पंकज मिश्रा को दोनों ने रूपा के पास भेजा था। मां को अंतिम कॉल में रूपा ने कहा था कि पानी पीने पर कुछ दवा जैसा लगा। सोमवार की रात घटना की सूचना मिलते ही एसपी, डीएसपी, सार्जेंट मेजर आदि पहुंचे और शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा था। इतना सब होने के बावजूद पुजरवाबाड़ी थाना की पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया हालांकि परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए आवेदन किया था। सिविल सर्जन द़वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया। हालांकि एसपी अनुरंजन किस्पोटा पहली नजर में इसे आत्महत्या मान रहे हैं। उनके अनुसार एसडीपीओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। बुधवार को उसका शव गांव उसके पैतृक गांव मनुटोली लाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। मौत का मामला तूल पकड़ चुका था इसी कारण रूपा की शव यात्रा में सांसद समीर उरांव, मांडर विधायक बंधु तिर्की, प्रमुख भी शामिल हुए।