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हिमाचल प्रदेश/ किन्नौर भूस्खलन: मरने वालों की संख्या 23 हुई, चेनाब नदी का बहाव हुआ सामान्य

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन स्थल मरने वालों की संख्या आज बढ़कर 23 हो गई है। यहां अभी भी करीब 20...
हिमाचल प्रदेश/ किन्नौर भूस्खलन: मरने वालों की संख्या 23 हुई, चेनाब नदी का बहाव हुआ सामान्य

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन स्थल मरने वालों की संख्या आज बढ़कर 23 हो गई है। यहां अभी भी करीब 20 लोगों के लापता होने की खबर है। वहीं, दूसरी ओर बचाव और तलाशी अभियान जारी है।

विशेष सचिव राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सुदेश मोख्ता ने शनिवार सुबह कहा कि शुक्रवार को एक शव मिलने के बाद आज सुबह एक और शव निकाला गया। ऑपरेशन के दौरान शुरुआती 48 घंटों में 13 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया।

एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस और अन्य स्वयंसेवकों की टीमें और शवों और एक लापता निजी वाहन बोलेरो की तलाश में लगी हुई हैं क्योंकि अभी तक इन वाहन का कोई पता नहीं चला है। हालांकि एक दिन पहले एचआरटीसी बस के मलबे का पता लगाया गया था।

जिला प्रशासन को अभी भी आशंका है कि परिवार के सदस्यों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 18 से 20 लोग लापता हैं। परिवार के सदस्य मौके पर पहुंच कर शवों का पता लगाने का इंतजार कर रहे हैं।

एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस को खोजी दल की मदद के लिए खोजी कुत्तों को तैनात करने के लिए कहा गया है।

इस बीच आज सुबह ली गई तस्वीरों के मुताबिक लाहौल स्पीति में चेनाब नदी (जिसे चंद्र-बागा के नाम से भी जाना जाता है) का प्रवाह सामान्य हो गया है। डीसी लाहौल स्पीति नीरज कुमार ने कहा, "स्थानीय निवासियों के लिए कोई खतरा नहीं है। भूस्खलन स्थल के आसपास के 11 ग्रामीणओं को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया था।"

पहाड़ के टूटने के बाद शुक्रवार को सुबह नदी का प्रवाह ब्लॉक हो गया था, जिसके मलबे ने नदी के प्रवाह को बाधित कर दिया। जिसकी वजह से आसपास के घरों और कृषि क्षेत्रों के लिए खतरा पैदा हो गया है।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने चिनाब में जल प्रवाह के सामान्य होने पर संतोष व्यक्त किया है और उन्होंने यह जानकारी देने के लिए ट्वीट किया है कि नदी के कुछ हिस्सों ने अपने प्रवाह को फिर से शुरू कर दिया है, जिससे नदी के किनारे बाढ़ का खतरा कम हो गया है। उन्होंने कहा, "मैं स्थानीय लोगों से भी नम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि वे नदी के किनारे और भूस्खलन वाले क्षेत्रों के पास न जाएं।" 

कैबिनेट मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय टीम ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए इलाके का दौरा किया।

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