जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटने के बाद पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए जाने वाले राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं को शनिवार को श्रीनगर का दौरा करने से रोक दिया गया। उन्हें एयरपोर्ट पर रोककर वापस भेज दिया गया है। राहुल गांधी समेत 11 विपक्षी दलों के नेताओं के श्रीनगर जाने की खबरों के बीच जम्मू-कश्मीर के प्रशासन ने उनसे दौरे को टालने की अपील की थी। वहीं, विपक्षी दलों का डेलिगेशन जैसे ही श्रीनगर एयरपोर्ट पर पहुंचा, नेताओं और मीडिया को अलग कर दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया ने विपक्षी नेताओं से बातचीत करनी चाही तो पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की।
नेताओं ने डीएम को लिखा पत्र
राहुल गांधी समेत इन नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के डीएम को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा कि डेलीगेशन द्वारा श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर जाने को लेकर जो भय जताया गया वह आधारहीन है। हम यहां माननीय राज्यपाल के सार्वजनिक निमंत्रण पर हैं, जिन्होंने यहां आकर शांति और सामान्य स्थिति का जायजा लेने को कहा था। हम जिम्मेदार नेता और चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं और हमारी नीयत में शांति और इंसानियत है। हम यहां जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ खड़े होने आए हैं। हम हमें हिरासत में लिए जाने के आधार की निंदा करते हैं जो प्रतम दृष्टया अलोकतांत्रिक और गैर संवैधानिक है। श्रीनगर में हमें जाने से रोकना हमारे मूल अधिकारों का भी उल्लंघन है।
प्रशासन ने बयान जारी कर नेताओं से की थी अपील
प्रशासन ने ट्वीट करते हुए कहा था कि नेताओं के दौरे से असुविधा होगी। हम लोगों को आतंकियों से बचाने में लगे हैं। प्रशासन ने कहा कि नेता दौरा करके उन प्रतिबंधों का उल्लंघन करेंगे, जो अभी कई क्षेत्रों में लागू हैं। वरिष्ठ नेताओं को समझना चाहिए कि शांति, व्यवस्था बनाए रखने और नुकसान को रोकने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
ऐसे वक्त जब सरकार सीमा पार आतंकवाद और आतंकियों तथा अलगाववादियों के हमले से राज्य के लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है और धीरे-धीरे अराजक तत्वों और उपद्रवियों पर काबू कर स्थिति नियंत्रण में ला रही है, नेताओं को सामान्य जनजीवन की बहाली में गड़बड़ी उत्पन्न करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
हालात का जायजा लेने के बाद नेताओं और लोगों से मुलाकात की थी योजना
श्रीनगर यात्रा के दौरान राहुल समेत सभी नेता वहां पर हालात का जायजा लेने और स्थानीय नेताओं के अलावा लोगों से मुलाकात करने वाले थे। जम्मू-कश्मीर जाने वालों में विपक्षी दल के नेता कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, सीपीआई के डी राजा, सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी, डीएम के टी शिवा, एनसीपी के माजिद मेमन, आरजेडी के मनोज झा शामिल हैं।
आजाद को श्रीनगर और जम्मू में रोका गया था
अनुच्छेद-370 खत्म करने के बाद सरकार ने किसी नेता को राज्य में आने की अनुमति नहीं दी है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को दो बार श्रीनगर और जम्मू एयरपोर्ट से वापस लौटा दिया गया। डी राजा को भी श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था।
नजरबंद हैं क्षेत्रीय दलों के नेता
बता दें कि केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर देने के बाद यहां के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित क्षेत्रीय दलों के नेता नजरबंद हैं। कांग्रेस सांसद आजाद को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली थी और उन्हें दो बार श्रीनगर और जम्मू में रोक दिया गया था।
सत्यपाल मलिक ने दिया था राहुल गांधी को कश्मीर आने का न्योता
हाल ही में राहुल गांधी ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से ट्वीट कर पूछा था कि वह राज्य में कब आ सकते हैं और बिना किसी पूर्व शर्त के वह लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को कश्मीर आने का न्योता दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी की शनिवार को श्रीनगर जाने की योजना बनी।